सम्भल के बने डॉग फीडर में खाना खाएंगे विदेशी कुत्ते Sambhal News
शहर की उपनगरी सरायतरीन ने हड्डी सींघ के कारोबार से देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी अपनी अलग पहचान बनाई है।
सम्भल(अंकित गोस्वामी)। शहर की उपनगरी सरायतरीन ने हड्डी सींघ के कारोबार से देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी अपनी अलग पहचान बनाई है। प्रदेश सरकार ने भी एक जिला एक उत्पाद में हड्डी सींघ कारोबार को शामिल किया है। वैसे तो सरायतरीन में हड्डी और सींग से घरेलू साज-सज्जा के अलावा आर्टिफीशियल ज्वेलरी तैयार की जाती रही है। हड्डी व सींग से चश्मों के फ्रेम, फोटो फ्रेम और ट्रे आदि सामान तैयार किया जाता है। विदेशियों को सरायतरीन में बने उत्पाद काफी लुभाते हैं। अब निर्यातकों ने विदेशियों को लुभाने केलिए यहां डॉग और कैट फीडर को तैयार किया है। डॉग फीडर को खरीदने के लिए इन दिनों सबसे ज्यादा यूरोप से डिमांड आ रही है।
निर्यातकों का कहना है कि इन डॉग फीडर में विदेशी कुत्ते बेहद आसानी से खाना खा सकते हैं। डॉग फीडर में दो गोल खाने बनाए गए हैं। उनमें दो कटोरी को रखा गया है। एक कटोरी में खाना परोसा जाएगा तो दूसरे में पानी। निर्यातकों को यूरोप से डॉग फीडर के लिए सबसे ज्यादा आर्डर मिल रहे हैं। इतना ही नहीं बिल्लियों के खाने व पानी पीने के लिए कैट फीडर भी तैयार किया गया है। कैट फीडर में बने डिजाइन को बिल्ली के चेहरे की आकृति की तरह बनाया गया है। उसमें भी दो कटोरी लगेंगी। एक में खाना और दूसरे में पानी रखा जाएगा। निर्यातकों का मानना है कि उनके इस आइटम को विदेशी सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं। हालांकि भारत के कुछ बड़े शहरों में इन आइटमों की सप्लाई में अभी समय लगेगा।
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हड्डी-सींग कारोबार का हर वर्ष है 1500 करोड़ का टर्नओवर
हड्डी-सींग कारोबार का एक जिला एक उत्पाद में चयन हुआ तो कारोबारियों को एक आस जगी। हालांकि निर्यातकों की मांगों को पूरा नहीं किया जा सका है। हर वर्ष हड्डी सींग कारोबार का लगभग 1500 करोड़ रुपये का है। इस कारोबार से तकरीबन 25000 लोगों को रोजगार मिल रहा है। निर्यातकों का कहना है कि क्लस्टर हाउस बने तो दिक्कत दूर होगी। एक ही छत के नीचे सभी कामों को किया जा सकेगा।
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हमारे यहां डॉग और कैट फीडर को तैयार किया जा रहा है। यूरोप से हमें आर्डर मिले हैं। इनका उपयोग कुत्तों और बिल्लियों के खाने व पीने के लिए किया जाएगा। हम जल्द भारत के कई बड़े शहरों में भी इसकी आइटम की सप्लाई शुरू करेंगे
पूर्वी वाष्र्णेय, निर्यातक
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