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कोरोना से डरना नहीं, बल्कि लड़ना है

संक्रमित होने का पता चला तो घबरा गए थे लेकिन संकल्प लिया कि कोरोना से डरना नहीं है बल्कि लड़ना है। अब ठीक हो चुके हैं। सभी से अपील है कि सावधानी का पूरा ध्यान रखें। यह कहना है कोरोना विजेता संदीप का।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 04:56 PM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 04:56 PM (IST)
कोरोना से डरना नहीं, बल्कि लड़ना है
कोरोना से डरना नहीं, बल्कि लड़ना है

शामली, जेएनएन। संक्रमित होने का पता चला तो घबरा गए थे, लेकिन संकल्प लिया कि कोरोना से डरना नहीं है, बल्कि लड़ना है। अब ठीक हो चुके हैं। सभी से अपील है कि सावधानी का पूरा ध्यान रखें। यह कहना है कोरोना विजेता संदीप का।

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शामली क्षेत्र के खेड़ीकरमू गांव निवासी 38 वर्षीय संदीप को बुखार आया था। ऐसे में वह कोरोना की जांच कराने के लिए सीएचसी शामली पहुंचे और रिपोर्ट पाजिटिव आई। स्वास्थ्य विभाग की रैपिड रेस्पांस टीम ने घर में आइसोलेट होने की अनुमति दी। संदीप बताते हैं कि जब पाजिटिव रिपोर्ट आने का पता चला तो घबराहट होना लाजिमी था, लेकिन चिकित्सकों ने बताया कि तनाव न लें और गाइडलाइन का पालन करते हुए दवा लेते रहें। बिल्कुल ठीक हो जाएंगे। हौसला बढ़ा और मन में संकल्प लिया कि कोरोना से डरना नहीं है। संदीप बताते हैं कि वैसे तो वह सावधानी का ध्यान रख रहे थे, लेकिन पता नहीं कैसे संक्रमण की चपेट में आ गए। पहले की तरह संक्रमित रहते हुए भी काढ़े का सेवन करते रहे। साथ में अनुलोम-विलोम और कपालभाति प्राणायाम भी किया। अब ठीक हो चुके हैं, लेकिन अभी थोड़ी कमजोरी है। ऐसे में बहुत जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर जाते हैं।


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