सब्जियों से किनारा, इस बार मन को भाया धान
लॉकडाउन में सब्जी उत्पादक किसान बेहद प्रभावित हुए हैं। सबकुछ बंद था तो सब्जियों के दाम मंडी में बेहद कम मिले। मुनाफा तो दूर तुड़ाई की मजदूरी और ट्रांसपोर्ट का खर्च भी नहीं निकला। मौसम की मार भी पड़ी। ऐसे में किसानों का सब्जियों से मोहभंग हो गया।
शामली, जेएनएन। लॉकडाउन में सब्जी उत्पादक किसान बेहद प्रभावित हुए हैं। सबकुछ बंद था तो सब्जियों के दाम मंडी में बेहद कम मिले। मुनाफा तो दूर, तुड़ाई की मजदूरी और ट्रांसपोर्ट का खर्च भी नहीं निकला। मौसम की मार भी पड़ी। ऐसे में किसानों का सब्जियों से मोहभंग हो गया। थानाभवन, जलालाबाद, कैराना क्षेत्र में काफी किसान इस वक्त फूल गोभी की फसल में जुट जाते थे, लेकिन इस बार बड़ी संख्या में किसानों ने किनारा कर लिया है। वे धान की फसल लगा रहे हैं। किसानों का कहना है कि कम से कम धान सरकारी क्रय केंद्रों पर बिक जाएगा और समर्थन मूल्य के हिसाब से भुगतान भी होगा। सब्जियों में जोखिम बहुत अधिक है और फिलहाल ऐसी स्थिति नहीं है कि जोखिम उठाया जाए।
मंडी न होने की समस्या
जलालाबाद: कस्बे और आसपास क्षेत्र के बड़ी संख्या में किसान सब्जियों का उत्पादन करते हैं। लंबे समय से जलालाबाद में मंडी की मांग की जा रही है। किसानों का कहना है कि थानाभवन की मंडी में जाते हैं। लाने-ले जाने का थोड़ा ही सही, लेकिन खर्च तो आता ही है।
बोले किसान
पत्ता गोभी, टमाटर की फसल में बहुत भारी नुकसान हुआ है। हालत ये रही है कि मंडियों से माल वापस लाना पड़ा या वहीं पर फेंकना पड़ा। सब्जियों की खेती में जोखिम होता है। भाव कोई तय नहीं होता। इसलिए इस बार धान की फसल लगा दी है।
-यूनुस चौधरी
पत्ता गोभी की फसल खुद नष्ट करनी पड़ी। मजदूरी के पैसे भी गोभी बेचकर नहीं मिल रहे थे। ये वक्त फूल गोभी लगाने का होता है, लेकिन इस बार धान की रोपाई कर दी है। कम से कम निर्धारित दाम मिलेंगे और बेचने में भी दिक्कत नहीं होगी।
-फरीद अहमद
मंडियों की समुचित व्यवस्था न होने से पहले ही किसानों का सब्जियों से मोहभंग हो रहा था। लॉकडाउन ने और मन खट्टा कर दिया। अगर अच्छा भाव मिल जाए तो सब्जी की फसल से काफी लाभ भी होता है। मगर किसान की हालत कोई जोखिम लेने की नहीं है।
-चरण सिंह