पोर्टल फ्लॉप, तालाबों से नहीं हटा अवैध कब्जा
संवाद सूत्र, जलालाबाद: पर्यावरणविद्ध व सरकार गिरते जल स्तर को लेकर भले ही चिंतित हो, लेकिन प
संवाद सूत्र, जलालाबाद: पर्यावरणविद्ध व सरकार गिरते जल स्तर को लेकर भले ही चिंतित हो, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी तालाबों पर हो रहे कब्जों को नहीं रोक पा रहे है। यहां कारण है कि अवैध कब्जों से दुखी लोग तालाबों का वजूद बचाने के लिए अदालत की शरण में जाने को मजबूर हो रहे है। सरकारी तंत्र भी तालाब बचाने की औपचारिकता पूरी कर रहा है। हसनपुर लुहारी में सैकड़ों साल पुराने बस स्टैंड के निकट तालाब को ही ले, तो आज यह तालाब अपना अस्तित्व बचाने की जंग हारता नजर जा रहा है। आंकड़ों पर गौर करें तो यहां के आठ में छह तालाबों पर अवैध कब्जा चल रहा है। शिकायतों के बावजूद अफसरों के कानों पर जू नहीं रेंग रही है। यहीं नहीं सीएम पोर्टल पर सुनवाई होने का दावा करने वाली योगी सरकार का पोर्टल भी शामली में फेल साबित हो रहा है।
गांव हसनपुर लुहारी में तालाबों पर अवैध कब्जा करने का सिलसिला लगातार जारी है। अवैध कब्जों को रोकने के लिए अधिकारी भी प्रयास नहीं कर रहे है। प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण अवैध कब्जाधारकों व माफिया के हौसले बुलंद है।
लापरवाही का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि गांव हसनपुर लुहारी में कुल आठ तालाब थे, लेकिन इनमें से छह पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण है। गांव बस स्टैंड के निकट तालाब का राजस्व अभिलेख में रकबा 12 बीघा है। तालाब के साथ 15 बीघा जमीन में बच्चा श्मशान है। वर्तमान में हालत यह है कि मौके पर मात्र दो बीघा तालाब बचा है।
अधिकारियों की मिलीभगत के चलते तालाब से अवैध कब्जा हटवाने में अधिकारी मौन साधे हुए है। ग्रामीणों का कहना है कि राजस्व विभाग मिलीभगत व प्रशासन की लापरवाही से तालाब विलुप्त हो रहे है।
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जनसुवाई पोर्टल पर नहीं सुनवाई
ग्रामीणों ने लेखपाल से लेकर डीएम तक शिकायत करने के बाद मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल का सहारा लिया। शिकायत दर्ज करने के बाद पोर्टल पर 30 दिन के अंदर कार्रवाई करने का समय मिला, लेकिन तीन माह बाद भी कोई कार्रवाई होती नजर नहीं आई तो ग्राम प्रधानपति सतीश सैनी ने फिर से पोर्टल पर तालाब पर हो रहे अवैध कब्जे की शिकायत दर्ज कराई। जिसमें 16 जून तक का समय दिया गया, लेकिन आज तक पोर्टल पर शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीण अमित, सुमित, विक्की, रजत सैनी, ने बताया कि मुख्यमंत्री का जनसुनवाई पोर्टल भी अफसरों के सामने फेल हो गया है। हाला¨क कागजों का पेट भरने के लिए अधिकारी मौके पर पहुंचकर खानापूर्ति व कब्जाधारकों से सांठगांठ कर वापस लौट जाते है।
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नहीं हो रही गंदे पानी की निकासी
सालों से तालाब की सफाई न होने से गंदे पानी की निकासी नहीं हो रही है। इससे पानी गलियों में भरा रहता है। ऐसे में भरे पानी में मच्छरों के पनपने से संक्रामक रोगों का हर समय गांव में खतरा मंडाराता रहता है। विशेषकर बरसात के मौसम में गलियों के हालात भयावह होने के कारण रोगों का खतरा और बढ़ जाता है।
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इन्होंने कहा--
लेखपाल से लेकर तहसीलदार एसडीएम, डीएम तक को लिखित में कई बार तालाब से अवैध कब्जा हटवाने की मांग कर चुके है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। तालाब पर अवैध कब्जे से ग्रामीणों को परेशानी हो रही है।
-स्वाति सैनी, ग्राम प्रधान। -हसनपुर लुहारी तालाब पर अवैध कब्जे का मामला दो दिन पूर्व ही संज्ञान में आया है। इसकी मौके पर जाकर जांच कराई जाएगी। इसके बाद जल्द ही तालाब से अवैध कब्जा हटवाया जाएगा।
- दुष्यंत कुमार मौर्य, एसडीएम सदर।