निजीकरण के विरोध में विद्युतकर्मियों ने बुलंद की आवाज
विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के तत्वावधान में ऊर्जा निगम कर्मियों ने धरना प्रदर्शन किया। विद्युतकर्मियों ने नारेबाजी करते हुए निजीकरण का पुरजोर तरीके से विरोध किया। उन्होंने दो टूक कहा कि यदि सरकार ने इस निर्णय को वापस नहीं लिया तो राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
शामली, जेएनएन। विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के तत्वावधान में ऊर्जा निगम कर्मियों ने धरना प्रदर्शन किया। विद्युतकर्मियों ने नारेबाजी करते हुए निजीकरण का पुरजोर तरीके से विरोध किया। उन्होंने दो टूक कहा कि यदि सरकार ने इस निर्णय को वापस नहीं लिया तो राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
गुरूवार को खेड़ीकरमू बिजलीघर में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने केंद्र और राज्य सरकारों की निजीकरण नीति के विरोध में प्रदेश के समस्त बिजली कर्मियों, जूनियर इंजीनियरों एवं अभियंताओं प्रदेश व्यापारी विरोध प्रदर्शन किया। यहां विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक उदय प्रताप ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच केंद्र सरकार व राज्य सरकारें बिजली वितरण का निजीकरण करने पर तुली है। इसके विरोध में देशभर के बिजलीकर्मियों में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने कहा कि निजीकरण के उद्देश्य से लाए गए इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल-2020 से लाखों कर्मचारी प्रभावित होंगे। सरकार बाजार से महंगी दरों पर बिजली खरीदकर निजी कंपनियों केा सस्ती दरों पर मुहैया कराएगी, ताकि उन्हें घाटा न हो सके। नई नीति के अनुसार डिस्कॉक के 100 फीसद शेयर बेचे जाने हैं। इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार के निर्णय वापस लेने की पुरजोर मांग उठाईं। साथ ही, चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांग न मानी तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। धरने पर उदय प्रताप, ब्रजमोहन, रवि कुमार, अशोक कुमार, जुगेंद्र सैनी, भानुप्रताप कुशवाहा, सत्वेंद्र कुमार, ललित कुमार आदि शामिल रहे।
-हड़ताल से परेशान रहे उपभोक्ता
केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ कैराना के केनरा बैंक में बैंककर्मी हड़ताल पर रहे। बैंक बंद रहने से उपभोक्ताओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। केनरा बैंक में शाखा प्रबंधक की ओर से बैंक के मुख्यद्वार पर हड़ताल संबंधी नोटिस भी चस्पा कराया गया था।