जिले में पुराने शेड्यूल पर विद्युत आपूर्ति जारी
जिले के बिजली शेड्यूल में फिलहाल तक कोई बदलाव नहीं हुआ है। गर्मी के मौसम से ही आपूर्ति शेड्यूल एक ही है। गर्मी में कई मर्तबा ओवरलोड व मरम्मत के कारण बिजली आपूर्ति बाधित होती रहती थी। सर्दी शुरू होने पर ओवरलोड की समस्या कम ही है। जिले में बिजली कटौती का खास असर नहीं है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में विद्युत लाइन की मरम्मत कार्य व फाल्ट के कारण ही आपूर्ति बंद हो जाती है।
शामली, जेएनएन। जिले के बिजली शेड्यूल में फिलहाल तक कोई बदलाव नहीं हुआ है। गर्मी के मौसम से ही आपूर्ति शेड्यूल एक ही है। गर्मी में कई मर्तबा ओवरलोड व मरम्मत के कारण बिजली आपूर्ति बाधित होती रहती थी। सर्दी शुरू होने पर ओवरलोड की समस्या कम ही है। जिले में बिजली कटौती का खास असर नहीं है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में विद्युत लाइन की मरम्मत कार्य व फाल्ट के कारण ही आपूर्ति बंद हो जाती है। निगम के अफसरों का दावा है कि फाल्ट से बाधित आपूर्ति को दो घंटे के भीतर ही ठीक कराने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन किसी स्थान पर फाल्ट बड़ा हो तो 24 घंटे में ठीक कराने पर जोर रहता है।
जिले में विद्युत आपूर्ति की स्थिति फिलहाल ठीक चल रही है। जनपद के 91 बिजलीघरों के सहारे आपूर्ति होती है। जनपद में निगम बिजली की माकूल आपूर्ति के दावे कर रहा है। वजह यह भी है कि गर्मी के मुकाबले बिजली का भार कम हो जाता है। इसके साथ ही कृषि क्षेत्र में भी गर्मी के मुकाबले कम ही पानी की आवश्यकता रहती है। जनपद में अभी तक पुराने शेडयूल पर ही विद्युत आपूर्ति दी जा रही है। ऊर्जा निगम की ओर से जारी शेडयूल में जिला मुख्यालय पर 24 घंटे आपूर्ति का दावा है, लेकिन करीब 20 से 22 घंटे आपूर्ति मिल ही जा रही है। तहसील स्तर पर 20 घंटे, ग्रामीण एरिया में 18 व एग्रीकल्चर फीडर पर 10 घंटे शेडयूल के हिसाब से दी जा रही है, लेकिन यहां भी करीब डेढ से दो घंटे का अंतर रहता है। हालांकि कई बार पूरी आपूर्ति भी होती रही है। निगम के अधिशासी अभियंता ब्रह्म सिंह ने बताया कि बिजली के शेड्यूल में कोई बदलाव नहीं किया गया है। गर्मी के बाद फिलहाल इतना अधिक लोड भी नहीं है, कि कटौती की आवश्यकता रहे। कई बार लाइन पर मरम्मत कार्य के कारण पहले ही उपभोक्ताओं को सूचना दी जाती है। खराब मौसम में यदि स्थानीय स्तर पर लाइन में फाल्ट स्थिति रहे तो दो घंटे में इसे ठीक कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। वहीं यदि कहीं पर बड़े स्तर पर फाल्ट हो उसे भी 24 घंटे के भीतर ही ठीक कराने का लक्ष्य रहता है।