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लंपी वायरस की चपेट में आए 94 गांवों के 667 गोवंशी

पी-12 लंपी वायरस की चपेट में आए 94 गांवों के 667 गोवंशी

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Aug 2022 12:07 AM (IST)Updated: Fri, 26 Aug 2022 12:07 AM (IST)
लंपी वायरस की चपेट में आए 94 गांवों के 667 गोवंशी
लंपी वायरस की चपेट में आए 94 गांवों के 667 गोवंशी

लंपी वायरस की चपेट में आए 94 गांवों के 667 गोवंशी

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जेएनएन शामली: जिले में लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) के केसों में लगातार इजाफा हो रहा है। गुरुवार को 24 नए केस मिले है। इसके बाद जिले में कुल केस 667 हो गए है। जिलाधिकारी जसजीत कौर ने पशु पैठ पर पूर्णत: प्रतिबंद्ध व जिले बार्डरों व चेक पोस्टों से जिले में पशुओं के प्रवेश पर पूरी तरह से रोेक के निर्देश दिए है। साथ ही, बीडीओ व अधिशासी अधिकारियों को क्षेत्रों में कीटनाशक के छिड़काव करने को निर्देशित किया। शामली कलक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी जसजीत कौर ने अधिकारियों की बैठक लेकर विशेष दिशा निर्देश दिए है। लंपी वायरस की रोकथाम के लिए उन्होंने बार्डर चौकी से पशु किसी भी सूरत में जिले में प्रवेश न कराने को लेकर कडे निर्देश जारी किए। ईओ व बीडीओ को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्र में कीटनाशक हाइपो का छिडकाव कराया जाए। लंपी स्किन डिजीज के लक्षण दिखते हुए इसकी सूचना अधिकारियों को उपलब्ध कराते हुए उपचार के लिए कार्य शुरू किया जाए। बैठक में एडीएम संतोष कुमार सिंह, सीडीओ शंभूनाथ तिवारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. यशवंत सिंह व समस्त बीडीओ व ईओ मौजूद रहे। उधर, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. यशवंत सिंह ने लोगों से अपील की कि लक्षणों को पहचानकर प्रशिक्षित चिकित्सकों की सलाह से उपचार कराए। लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) से बचाव के लिए सावधानी जरूरी है। ------ बाहरी पशुओं का प्रवेश न होने पाए: डीएम डीएम जसजीत कौर ने प्रदेश के सीमावर्ती जनपदों से जनपद शामली की सीमा में गोवंश व महिष वंशीय पशुओं के परिवहन पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया है। उन्होंने कहा कि पशुओं को जनपद के हाइवे, चेक पोस्ट, पुलों आदि पर निगरानी करते हुए पूरी तरह से रोक दिया जाए। इसके साथ ही पशुपैठ पर भी पूरी तरह से रोक रहना चाहिए। --------- लंपी स्किन डिजीज के मुख्य लक्षण - मुख्य लक्षण कुछ पशुओं में तेज बुखार - पशु के शरीर में गोलाकार दाने उभरना - पशुओं के नाक एवं मुंह से लार आना - गर्दन, थन के आसपास 02-05 सेमी की गांठे बन जाना - पशु के पैरों में सूजन आ जाना - पशु खाना-पीना भी छोड़ देना --- एक सप्ताह में रोगी पशुओं में हो रहा सुधार, करें बचाव सीवीओ डा. यशवंत सिंह ने बताया कि वैसे तो दो सितंबर तक बीमारी टीका आ जाएगा। फिलहाल रोगग्रस्त पशुओं का उपचार भी लक्षणों के अनुरूप किया जा रहा है, रोगी पशु स्वतः ही एक सप्ताह में ठीक होने लगते हैं। बताया कि संक्रमित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से दूर रखना चाहिए तथा पशु के बांधने के स्थान को साफ रखते हुए मच्छर, मक्खी से बचाव के उपाय करने चाहिए। पशु बाधने के स्थान पर चूने का छिड़काव करें तथा मच्छर-मक्खी तथा चीचड़ी से बचाव को उचित दवा का प्रयोग करें।


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