भाकियू कार्यकर्ताओं का ऊन तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन
भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ताओं ने शनिवार को ऊन तहसील मुख्यालय पर पहुंचकर प्रदर्शन किया। केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।
शामली, जागरण टीम। भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ताओं ने शनिवार को ऊन तहसील मुख्यालय पर पहुंचकर प्रदर्शन किया। केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर कानून वापस नहीं किए गए तो सड़कों पर जाम लगाकर जिले के प्रत्येक मुख्यालयों को बंद कर दिया जाएगा। कार्यकर्ताओ ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
भाकियू कार्यकर्ताओं ने तहसील मुख्यालय ऊन पर पहुंचकर कृषि विधेयकों के विरोध में धरना प्रदर्शन किया। तीनों कृषि विधेयकों को वापस लिए जाने की मांग की गई। किसानों का आरोप है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कानून किसान विरोधी हैं, जिनका भारतीय किसान यूनियन पुरजोर विरोध करती है। किसानों के प्रदर्शन के दौरान एसडीएम मणि अरोड़ा मौके पर पहुंची व किसानों को समझाया। भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ताओं ने ब्लाक अध्यक्ष भंवर सिंह के नेतृत्व में एसडीएम मणि अरोड़ा को ज्ञापन देकर कानून वापस लिए जाने की मांग की है। इस दौरान ब्लाक अध्यक्ष भंवर सिंह,अरविद कुमार, मास्टर मोहर सिंह, समरपाल सिंह तोमर, राजकुमार, अजय कुमार, किशनपाल, सुमित, प्रवेंद्र आदि मौजूद रहे। यूरिया-डीएपी के साथ ही बीज की पर्याप्त उपलब्धता
जागरण संवाददाता, शामली : गन्ने के साथ ही धान की फसल में भी उर्वरक की काफी आवश्यकता होती है। फिलहाल तो जिले में यूरिया और डीएपी की उपलब्धता पर्याप्त है। आने वाले दिनों में उर्वरकों की मांग में इजाफा होगा।
वैसे तो सभी फसलों में यूरिया का प्रयोग होता है, लेकिन गन्ने की फसल में सबसे अधिक है। किसान धान की नर्सरी तैयार करने लगे हैं, जिसमें डीएपी का इस्तेमाल होता है। रोपाई में भी डीएपी की जरूरत होती है और रोपाई के करीब 25 दिन बाद यूरिया डाला जाता है। पिछले साल यूरिया की किल्लत हो गई थी और किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। इस बार अभी तक किल्लत वाली कोई स्थिति नहीं है।
जिला कृषि अधिकारी हरीशंकर ने बताया कि यूरिया 12816 मीट्रिक टन, डीएपी 3250 मीट्रिक टन है। अन्य उर्वरक भी पर्याप्त मात्रा में हैं। सहकारी समितियों के गोदाम हों या निजी दुकानें, सभी की निगरानी की जा रही है। पीबी-1509 प्रजाति का 200 कुंतल बीज मिला था। 90 कुंतल बीज का वितरण किसानों को किया जा चुका है और 110 कुंतल बचा है। जरूरत के हिसाब से और बीज मंगवा लिया जाएगा। बीज की बिक्री दर 45 रुपये प्रति किलोग्राम है। 50 फीसद अनुदान पर किसानों को दिया जा रहा है।
सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक को-आपरेटिव राजवीर सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले ही यूरिया की एक रैक मिली थी। बफर गोदामों में भी पर्याप्त स्टाक है। जिले में 29 सहकारी समिति हैं और गन्ना समितियों के 17 खाद गोदाम हैं। निर्देश दिए हुए हैं कि किसानों को फसल के हिसाब से ही उर्वरक दिया जाए। अगर कोई अधिक मांग करता है तो जमीन और फसल के क्षेत्रफल का सत्यापन कर लिया जाए।