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चायना को 'ना'..मेक इन इंडिया को 'हां'

शामली : दीपावली को लेकर बाजार में चाइनीज लड़ियां और झालर समेत तमाम सजावटी उत्पाद सिमट र

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 10:46 PM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 10:46 PM (IST)
चायना को 'ना'..मेक इन इंडिया को 'हां'
चायना को 'ना'..मेक इन इंडिया को 'हां'

शामली : दीपावली को लेकर बाजार में चाइनीज लड़ियां और झालर समेत तमाम सजावटी उत्पाद सिमट रहे हैं। अब 40 फीसद ही चाइनीज उत्पाद बाजार में हैं, जबकि पिछले सालों में चीन का पूरी तरह बाजार पर कब्जा होता था। खास बात ये है कि, जो माल बाजार में है, अब उसकी भी डिमांड नहीं रही। खरीदारी के लिए आने वाला हर व्यक्ति भारत में निर्मित उत्पाद ही मांग रहा है। चाइनीज के मुकाबले इनकी दाम कुछ ज्यादा भी हैं, लेकिन लोगों को इससे फर्क नहीं पड़ रहा। बस उन्हें स्वदेशी उत्पाद चाहिए, जो दुकानदार चाइनीज उत्पाद लाए हैं, उन्हें डर है कि माल बचा न रह जाए। हालांकि, बड़ी संख्या में व्यापारियों ने इस बार 'मेक इन इंडिया' उत्पादों को ही तरजीह दी है।

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चाइना ने हमारे बाजार पर कब्जा जमाया हुआ था। भारत में निर्मित उत्पाद काफी महंगे पड़ते थे और वह चाइनीज जितने सजावटी भी नहीं होते थे। हालांकि, गुणवत्ता के मामले चाइनीज उत्पादों की हकीकत तो सभी जानते हैं, लेकिन सस्ते और दिखने में आकर्षक होने के चलते इनकी ही बिक्री होती थी। पिछले कुछ सालों से चाइनीज उत्पादों के बहिष्कार की मुहिम विभिन्न माध्यमों से चलती आ रही है। इसके चलते स्वदेशी उत्पादों की बाजार में मांग बढ़ी। पिछले सालों में दीपावली पर घर-घर में इस्तेमाल होने वाले स्वदेशी उत्पाद कम ही होते थे, जिसके चलते दाम भी काफी अधिक थे, लेकिन अब आकर्षक इलेक्ट्रीक झाल्लर, लड़ियां, सजावटी मूर्तियां, रंग-बिरंगी लाइट आदि उत्पाद दुकानों पर सजे हैं। उत्पादन और मांग बढ़ने से दाम भी काफी कम हुए। लोग जेब पर ज्यादा भार डालना तो मंजूर कर रहे हैं, लेकिन किसी भी कीमत पर चाइनीज उत्पाद उन्हें मंजूर नहीं। दुकानों पर पहुंचने वाले अधिकांश ग्राहक पहले ही कह रहे हैं कि चाइनीज नहीं चाहिए। दुकानदार शोभित जैन ने बताया कि दो साल पहले तक भारत में लड़ियों-झालर का निर्माण बहुत ज्यादा नहीं था। दुकानदारों की मजबूरी थी कि वो चाइनीज उत्पाद लाकर बेचें और लोगों के पास भी विकल्प कम ही थे। लेकिन, इस बार स्थिति ऐसी नहीं है। बाजार में भारत निर्मित सजावटी उत्पादों की भरमार है। भले ही थोड़े दाम ज्यादा हों, लेकिन गुणवत्ता चाइनीज उत्पादों से काफी बेहतर है। व्यापारी पंकज चावला ने बताया कि वर्तमान स्थिति को देखकर लग रहा है कि अगले एक-दो सालों में चाइनीज उत्पाद मार्केट से पूरी तरह गायब हो जाएंगे। व्यापारी प्रमोद गोयल ने बताया कि चाइनीज इलेक्ट्रानिक्स उत्पादों के मुकाबले भारत में निर्मित उत्पादों में बिजली की खपत भी काफी कम है। क्योंकि, इसमें एलईडी बल्ब का इस्तेमाल हुआ है।

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देश की अर्थव्यवस्था होगी मजबूत

ग्राहक अभिषेक गर्ग का कहना है कि देश के कुछ करने की जिम्मेदारी सरकार और सैनिकों की ही नहीं है। हमारी भी जिम्मेदारी बनती है। चीन हमारा दुश्मन है, इसलिए चीनी उत्पादों का पूरी तरह बहिष्कार करना चाहिए। निखिल आर्य ने कहा कि चाइनीज उत्पाद का कोई भरोसा नहीं होता और हमें अगर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है तो भारत में निर्मित उत्पादों को तरजीह देनी चाहिए।


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