दीपावली के नजदीक आते ही तेज हो गई चाक की रफ्तार
शामली, जेएनएन। दीपावली के नजदीक आते ही कुंभकार के चाक की रफ्तार अभी से तेज हो गई है। कुंभकार मिट्टी
शामली, जेएनएन। दीपावली के नजदीक आते ही कुंभकार के चाक की रफ्तार अभी से तेज हो गई है। कुंभकार मिट्टी के दीए बनाने के लिए मशक्कत कर रहे है। सुबह से शाम तक कई हजार दिए तैयार कर रहे है। उनका कहना है कि इस बार दीपावली से पहले बड़ी संख्या में दीयों का पहले से ही बुकिग कर दी गई। इस बार पहले से ज्यादा दीयों के बिक्री की उम्मीद जताई जा रही है।
करवा चौथ, अहोई अष्टमी व दीपावली पर्व के नजदीक आने पर कुंभकार के चाक की रफ्तार तेज हो गई है। दीपावली पर्व से पहले बड़ी संख्या में दीए तैयार किए जा रहे है। कुंभकार इलैक्ट्रानिक चाक पर इन मिट्टी के दीयों को तैयार करने में जुटे हुए है। सुबह के समय दीयों के लिए मिट्टी को तैयार किया जाता है। ओर इलेक्ट्रानिक चाक पर दीयों को तैयार किया जाता है। एक घंटे में करीब चार से पांच हजार दीए तैयार किए जा रहे है। कच्चे दीयों को बाद में भट्टी में लगाकर पकाया जा रहा है। पिछले साल से इस बार अधिक मिट्टी के दीयों की बुकिग पहले से हो गई है। कुंभकार पूरी मेहनत से दीयों को तैयार करने में जुटे है।
कस्बा बनत निवासी कुंभकार गोपाल का कहना है कि इस बार दीपावली में पहले की मुताबिक बड़ी संख्या में दीयों की पहले से बुकिग हो गई है। इस बार कुंभकारों की दीपावली अच्छी रहने की उम्मीद है। उनका पूरा परिवार सुबह से शाम तक दीयों को तैयार करता है। करवाचौथ पर्व पर करवे, बड़े दीए आदि तैयार किए जा रहे है। पर्व पर करवों की अधिक संख्या में मांग होती है। कुंभकार सुनील का कहना है कि अब कुंभकार लकड़ी के चाक के बजाए इलेक्ट्रानिक चाक का प्रयोग कर रहा है। इलेक्ट्रानिक चाक पर एक घंटे में चार से पांच हजार दीए बनाए जा रहे है। इसी हिसाब से इलेक्ट्रानिक चाक का बिजली का बिल भी बढ़ जाता है। मगर कुंभकार को इलेक्ट्रानिक चाक से दीए बनाने में आसानी रहती है। अब अधिकांश कुंभकार इसी का प्रयोग कर रहे है। दीपावली के नजदीक आते ही करवे, दीए, बड़े दीए, कुल्हड़, सुराही, गुल्लक की मांग बढ़ रही है। इन्हें बनाने के लिए पूरी तैयारी की जा रही है।
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दीए बनाने के लिए नहीं मिल रही मिट्टी
कस्बा बनत निवासी कुंभकार अनिल का कहना है कि इस बाद दीपावली से पहले मिट्टी के दीयों की काफी संख्या में मांग के चलते दीए तैयार किए जा रहे है। कुंभकारों को दीए बनाने के लिए मिट्टी उपलब्ध नही हो पा रही है। कही पर भी मिट्टी की खुदाई नही हो रही है। जिसके चलते दीए की मांग को पूरा करने में काफी समस्या आ रही है। उन्होंने प्रशासन से कुंभकारों के लिए मिट्टी उपलब्ध कराने की मांग की।