सीसीएसआर की ने दी स्वीकृति, शामली तक चल सकेंगी विद्युत ट्रेन
अब दिल्ली से शामली तक विद्युतीकरण को चीफ कमिश्नर आफ रेलवे सेफ्टी (सीसीएसआर) ने मुहर लगा दी है। सीसीएसआर शैलेष कुमार पाठक की स्पेशल ट्रेन सोमवार शाम करीब सात बजे शामली रेलवे स्टेशन पहुंची। सीसीएसआर ने सबसे पहले ट्रैक और वायरिग की अर्थिंग परखी। इसके बाद ट्रैक से वायरिग की ऊंचाई की समानता को भी देखा।
जेएनएन, शामली। अब दिल्ली से शामली तक विद्युतीकरण को चीफ कमिश्नर आफ रेलवे सेफ्टी (सीसीएसआर) ने मुहर लगा दी है। सीसीएसआर शैलेष कुमार पाठक की स्पेशल ट्रेन सोमवार शाम करीब सात बजे शामली रेलवे स्टेशन पहुंची। सीसीएसआर ने सबसे पहले ट्रैक और वायरिग की अर्थिंग परखी। इसके बाद ट्रैक से वायरिग की ऊंचाई की समानता को भी देखा।
अपने साथ आए रेलवे अधिकारियों से बुनियादी बातों को जाना। इसके बाद विद्युत ट्रेनों के लिहाज से बनाए ट्रैक के बीच की दूरी आदि की गहनता से जांच की। कई जगह ट्रैक और वायरिग की अर्थिंग का परीक्षण किया।
रेलवे की शब्दावली नहीं बताने पर स्टेशन अधीक्षक को दी नसीहत सीसीएसआर शैलेष कुमार पाठक ने स्टेशन अधीक्षक से रेलवे की बुनियादी शब्दावली के बारे में पूछा, जिसे अधीक्षक तत्परता से नहीं बता पाए। पाठक ने सीएसआर(क्लियर स्टैंडिग रूम) और सीएसएल(क्लियर स्टैंडिग लेंथ) का भेद पूछा, जिसे स्टेशन अधीक्षक नहीं बता पाए।
इस पर शैलेष पाठक ने कहा कि 30 साल की नौकरी में इतनी सामान्य जानकारी भी न होना आपकी गंभीरता को दर्शाता है। इसके बाद उन्होंने अन्य रेल कर्मियों से सामान्य शब्दावली की जानकारी ली।
नौली से शामली से 79 किमी का विद्युतीकरण 27 मानकों पर परखा सीसीएसआर ने नौली से शामली तक 79 किमी तक का परीक्षण किया। इस बीच में छह स्टेशन और आठ हाल्ट आते हैं। नौली से शामली तक विद्युतीकरण हुआ है। सीसीएसआर ने 27 मानकों पर विद्युतीकरण को परखा। इस दौरान 79 किमी तक सभी स्टेशन और हाल्ट की व्यवस्था परखीं। सीसीएसआर के साथ दिल्ली और लखनऊ से तकनीकी विभाग के कई बड़े अफसर आए थे। इसके अलावा अन्य रेलकर्मियों की उन्होंने सहारना की।
दिल्ली से शामली तक चल सकेंगी ट्रेन सीसीएसआर के सत्यापन के बाद दिल्ली से शामली तक विद्युत ट्रेने चल सकेंगी। उन्होंने कहा कि शामली से टपरी तक विद्युतीकरण जून तक पूरा होने की उम्मीद है। कहा कि जब तक टपरी तक विद्युतीकरण पूरा नहीं हो जाता सहारनपुर तक डीजल इंजन वाली ट्रेन ही चलाई जाएंगी। क्योंकि शामली तक विद्युत इंजन और यहां से डीजल इंजन बदला जाना मुमकिन नहीं है। कहा कि विद्युतीकरण होने से सफर आसान होगा। प्रदूषण से भी निजात मिलेगी। ट्रेन की स्पीड भी डीजल इंजन की अपेक्षा ज्यादा होगी।
इन्होंने कहा..हमने नौली से शामली तक विद्युतीकरण परखा, जिसमें सभी दुरुस्त मिला। अब दिल्ली से शामली तक विद्युत ट्रेन दौड़ सकेंगी। विद्युतीकरण को पूरा करने वाली टीम और शामली के रेलकर्मियों को शुभकामनाएं।
शैलेष कुमार पाठक, सीसीएसआर