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गोभी के दाम गिरे, किसानों के लटके चेहरे

जलालाबाद में सर्दी में उत्पादित फूलगोभी की मांग सब्जी मंडियों में कमजोर होने से भाव में गिरावट आई है। भाव में गिरावट आने से किसानो को लागत मूल्य भी हासिल नहीं हो पा रहा है। ऐसे में किसानों के चेहरे लटके हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 07:30 PM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 07:30 PM (IST)
गोभी के दाम गिरे, किसानों के लटके चेहरे
गोभी के दाम गिरे, किसानों के लटके चेहरे

शामली, जेएनएन। जलालाबाद में सर्दी में उत्पादित फूलगोभी की मांग सब्जी मंडियों में कमजोर होने से भाव में गिरावट आई है। भाव में गिरावट आने से किसानो को लागत मूल्य भी हासिल नहीं हो पा रहा है। ऐसे में किसानों के चेहरे लटके हैं।

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जलालाबाद सब्जी उत्पादन में जनपद का धनी क्षेत्र माना जाता है। यहां के किसान फूलगोभी, बंद गोभी, गाजर, टमाटर, आलू, लहसुन व मिर्च की पैदावार करने में अग्रसर है। फूलगोभी का उत्पादन भी यहां के किसान भरपूर करते हैं। सबसे पहले बरसाती फूलगोभी यहां पर पैदावार की जाती है। इस बार बरसात अधिक होने से यहां के बरसाती फूल गोभी को तैयार करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। अनेक किसानों की पौध नष्ट हो जाने पर नुकसान उठाना पड़ा। दिसंबर माह में फूलगोभी की अगली फसल शुरू हो गई है। मंडियों में आवक अधिक है और इस हिसाब से मांग कमजोर है। ऐसे में दामों में गिरावट आ गई है। किसान की गोभी चार से पांच रुपये प्रतिकिलो बिक रही है। तीन-चार दिन पहले दाम पांच से दस रुपये किलो तक थे। यहां से उत्पादित फूल गोभी सहारनपुर, रुड़की, देहरादून, साहिबाबाद, गाजियाबाद, आजादपुर मंडी, बिजनौर तक जाती है।

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बाहर की मंडियों में शिमला की गोभी की मांग

किसान दिल्ली समेत कई बड़े शहरों की मंडियों में गोभी लेकर जाते हैं, लेकिन शिमला (हिमाचल) की फूल गोभी की आवक भी काफी अधिक है। साथ ही शिमला की गोभी देखने में ताजी लगती है और फूल सफेद रहता है। जबकि क्षेत्र की गोभी कटने के कुछ समय बाद से ही हल्की पीली पड़ने लगती है। ऐसे में शिमला की गोभी का उठान ही अधिक है।

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फूल गोभी के दाम में भारी गिरावट आई है। इसके चलते किसानों को लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। लगातार दाम कम हो रहा है और खरीददार मुश्किल से मिल रहे हैं।

- तनवीर चौधरी, किसान दस बीघा गोभी की फसल है। पिछले सप्ताह पूरी फसल को खरीदने के लिए व्यापारी आए थे। करीब-करीब बात भी पक्की हो गई थी, लेकिन अब दाम बहुत कम हो गए हैं।

- गुल्लू, किसान मंडियों में चार से पांच रुपये किलोग्राम के भाव में भी मुश्किल से गोभी का उठान हो पा रहा है। इसमें तो ट्रांसपोर्ट, कटाई, पैकिग आदि का खर्च भी नहीं निकल पाएगा।

-सलमान, किसान बरसाती फूल गोभी के दाम अच्छे रहे। लेकिन सर्दी की फूलगोभी के दाम कम हो जाने पर कटाई, पैकिग ट्रांसपोर्ट खर्च भी नहीं मिल पा रहा।

-सलीम चौधरी, सब्जी व्यापारी


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