उर्वरकों के दाम नहीं घटाने से किसान खफा
जागरण संवाददाता, शामली : शुक्रवार को बजट पेश होने के बाद किसानों ने जो उम्मीद सरकार से
जागरण संवाददाता, शामली : शुक्रवार को बजट पेश होने के बाद किसानों ने जो उम्मीद सरकार से लगायी थी, वह पूरी नहीं हो पायी। छोटे किसानों के लिए छह हजार रुपये खातों में भेजने की योजना से किसान खुश भी है, लेकिन कृषि के जानकार व किसान नेताओं ने इसे महज हवाई करार दिया है। किसानों का कहना है कि बजट में न तो उर्वरकों के दाम घटाए गए हैं और न ही खेत में प्रयोग होने वाली दवाइयों के दाम कम हुए हैं। किसानों का आरोप है कि बजट में किसानों को लोलीपोप थमाया गया है।
सरकार किसानों को छोटे बड़े में बांटने का काम कर रही है। किसान संगठनों की मांग थी कि मनरेगा के मजदूरों को कृषि से जोड़ा जाए। 50 फीसद मजदूरी किसान वहन कर मनरेगा मजदूर को बाजार रेट से मजदूरी मिले। नए कृषि शोध केंद्र व किसानों की आमदनी की बढ़ाने के कोई उपाय नही किए। इसलिए इस बजट से किसानों का कोई भला होने वाला नहीं है।
- चौ. अनिल मलिक, राष्ट्रीय महासचिव भाकियू (भानु)
बजट में किसानों के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई है। किसानों के लिए ऐसी नीति बनाई जानी चाहिए थी कि किसानों को गन्ना व अन्य फसलों की लागत के हिसाब से मूल्य तय होता और समय पर बकाया भुगतान हो सकता। 14 दिनों में गन्ना भुगतान का दावा भी हवाई साबित हुआ है। सरकार को किसानों पर बढ़ रहे ऋण के बोझ को कम करने के लिए ऋण पर ब्याज माफ करना चाहिए था। किसानों की फसल का सही समय व उचित रेट में नगद भुगतान पर खरीद की व्यवस्था नहीं की गई है।
- जावेद तोमर, प्रदेश महासचिव भाकियू
बजट में सरकार ने प्रत्येक वर्ग का ख्याल रखा है। पूरे प्रदेश के किसानों व आम नागरिकों के लिए बजट में प्रावधान है। आयकर में पांच लाख की छूट दी गई है, वहीं किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार ने प्रावधान किए हैं, छोटे किसानों को छह हजार रुपये खातों में भेजने से काफी राहत मिलेगी।
- ठा. सोमवीर ¨सह, किसान नेता व डायरेक्टर, डिस्ट्रिक को-ऑपरेटिव
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