भाजपा की सरकार उड़ा रही किसानों का मजाक
जागरण संवाददाता, शामली : जिले के प्रमुख जनप्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार के बजट को हवाई करा
जागरण संवाददाता, शामली : जिले के प्रमुख जनप्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार के बजट को हवाई करार देते हुए इसे किसानों का मजाक बनाने का बजट करार दिया है। विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि बजट में किसी वर्ग के लिए कोई खास प्रावधान नहीं है। यह महज चुनावी घोषणा पत्र है। गरीबों, किसानों, मजदूरों के लिए बजट में कुछ खास नहीं है। उधर, भाजपा विधायक व नेताओं ने बजट को देश के इतिहास का सबसे बेहतर बजट करार दिया है।
मोदी सरकार ने अंतरिम बजट के मौके का भरपूर लाभ उठाने का प्रयास किया है, लेकिन इससे ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे किसान-मजदूर को कोई लाभ नहीं होने वाला है। भाजपा ने अपने वेतनभोगी शहरी मध्यवर्ग को इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ाकर पंद्रह से बीस हजार रुपये का लाभ पहुंचाया है, जबकि किसान के लिए केवल 500 माह सरकारी सहायता का प्रावधान किया है। साल 2014 में किसानों की दोगुनी आय का वायदा कर सत्ता में आने वाली भाजपा किसानों को 500 महीना देने तक सिमट गयी है। किसान एवं मजदूर के साथ-साथ ग्रामीण जनता के लिए बजट निराशाजनक है। कुल मिलाकर बजट आगामी लोकसभा का चुनावी घोषणा पत्र है। इसमे हर वर्ग से कुछ न कुछ का वायदा है, लेकिन मिला कुछ नही है।
-डा. सुधीर पंवार, कृषि विशेषज्ञ एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता सपा
सरकार जनता से किए अपने वादों पर खरी नहीं उतरी है। गरीब, मजदूरों व किसानों के लिए बजट में कोई दम नहीं है। प्रत्येक वर्ग के लिए बजट में केवल वादे और चुनावी लोलीपॉप दिया गया है। वादों का पु¨लदा यह बजट किसी भी वर्ग को पूरी तरह से लाभ नहीं पहुंचा रहा है। बजट में युवाओं के लिए रोजगार के कोई ठोस प्रबंध नहीं है। गन्ना किसानों का 14 दिन में भुगतान, फसलों का वाजिब दाम और विकास के नाम पर कुछ नहीं है।
-अशरफ अली खान, राष्ट्रीय महासचिव रालोद
मोदी सरकार का बजट पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुआ है। छह हजार रुपये किसानों को देने की घोषणा की गई है। दिन के हिसाब से यह महज करीब 17 रुपये रोज बैठता है। सरकार बार-बार किसानों का मजाक बनाने का काम कर रही है। पहले ऋण माफी योजना में भी 10 रुपये और 50 रुपये तक लोन माफी के प्रमाण पत्र बांटा जाना किसी से छिपा नहीं है। सरकार जुमलेबाजी के अलावा कुछ नहीं कर रही है। बजट से किसान, मजदूर, व गरीबों को बड़ी निराशा हाथ लगी है।
- पंकज मलिक, प्रदेश उपाध्यक्ष कांग्रेस एवं पूर्व विधायक
ऐसा बजट एक फरवरी नहीं एक अप्रैल को पेश करना चाहिए था। सरकार अपने वायदे पर खरी नहीं उतरी है। किसानों की आय दोगुनी करने का वादा झूठा साबित हुआ है। चंद रुपयों से किसानों का कोई भला नहीं होने वाला है। देश का किसान, मजदूर व कामगार इससे ज्यादा का हकदार है।
- अब्दुल वारिस राव, पूर्व विधायक
यह बजट समाज के हर वर्ग को राहत देने वाला है। किसान, मजदूर, मध्यम वर्ग की प्रधानमंत्री से जो अपेक्षा थी, वह इस बजट में पूरी होगी। इससे समाज के सभी तबकों का भला होगा। आयकर सीमा में छूट की सीमा बढ़ाये जाने से मध्यम वर्ग को फायदा होगा। दो हेक्टेयर तक जमीन वाले किसानों को छह हजार रुपये प्रतिवर्ष सहायता मिलेगी। पशुपालन के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड, डेढ़ करोड पशुपालकों, मछुआरों को भी लाभ मिला है। देश के इतिहास में किसानों को लाभ पहुंचाने बड़ा प्रावधान हुआ है।
- तेजेंद्र निर्वाल, शहर विधायक भाजपा
बजट विकास को बढ़ावा देने वाला है। इसमें गरीब मजूदर, किसान, मीडिल क्लास, युवाओं और उद्यमियों का पूरी तरह से ध्यान रखा गया है। किसानों के लिए छह हजार तो प्रत्येक वर्ग के लिए पांच लाख रुपये का आयकर दायरा बढ़ाया गया है। उज्जवला योजना के लिए प्रावधान है तो वहीं मुद्रा योजना को बढ़ाया गया है। कुल मिलाकर सरकार का यह बजट देश के जन-जन का ध्यान रखने वाला बजट है।
- प्रसन्न चौधरी, भाजपा नेता एवं जिपं अध्यक्ष पति
मोदी सरकार का यह ऐतिहासिक बजट है। बजट आम आदमी, किसान, मजदूर, व्यापारी समेत तमाम तबके को समर्पित है। सरकार के इस बजट से विकास की रफ्तार तेज होगी तो वहीं देश के किसान, मजदूर और व्यापारियों भाइयों के साथ ही नौकरीपेशा व मध्यम वर्ग के लोगों को इसका लाभ मिलेगा। हम प्रधानमंत्री के इस कदम का स्वागत और धन्यवाद करते है।
-डा. मनोज चौधरी, क्षेत्रीय सह-संयोजक, पउप्र चिकित्सा प्रकोष्ठ
मोदी सरकार का बजट, खोदा पहाड़ निकली चुहिया जैसा है। किसानों को बजट से भारी उम्मीद थी। पीएम ने किसान सम्मान निधि में मात्र 17 रुपया रोज की मजदूरी देकर किसानों का अपमान किया है। तेलंगाना सरकार ने किसानों को 20 हजार से 40 हजार रुपया तक दिया है। पीएम ने किसानों का अपमान किया है।
राजू अहलावत, अध्यक्ष भाकियू शामली