खुद ही टूटे हैं दूसरों को जोड़ने वाले पुल
शामली जेएनएन एक-दूसरे को जोड़ने का काम करने वाले पुल खुद ही टूटने लगे हैं। महज छह महीने पहले बनकर तैयार हुए काबड़ौत पुल की एप्रोच रोड धंसने से सवाल उठने लगे हैं। जिले में नदियों और नहरों पर पुलों की हालत रामभरोसे है। झिझाना रोड पर पूर्वी यमुना नहर पर बना पुल कभी भी हादसे का कारण बन सकता है।
शामली, जेएनएन : एक-दूसरे को जोड़ने का काम करने वाले पुल खुद ही टूटने लगे हैं। महज छह महीने पहले बनकर तैयार हुए काबड़ौत पुल की एप्रोच रोड धंसने से सवाल उठने लगे हैं। जिले में नदियों और नहरों पर पुलों की हालत रामभरोसे है। झिझाना रोड पर पूर्वी यमुना नहर पर बना पुल कभी भी हादसे का कारण बन सकता है।
काबड़ौत के पुल का शिलान्यास 30 जून 2020 को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने वर्चुअली किया था।
डाट विधि से बनाए गए थे पुराने पुल
आजादी से पहले बनाए गए अधिकतर पुल डाट विधि से बनाए गए थे। इसमें ईंटों को घुमावदार आकृति में ढालकर बनाया जाता था। इस विधि से बनाए गए पुल ज्यादा समय तक चलते थे। मेरठ-करनाल हाईवे स्थित नानू नहर पर बनाया गया पुल इसी विधि से बनाया गया है। खतौली का पुराना पुल भी डाट विधि से से ही बना है। हालांकि खतौली में दिल्ली-देहरादून हाईवे होने के कारण नया पुल बनाया गया है। मेरठ-करनाल हाईवे पर नानू नहर पर बने पुल पर बहुत भारी वाहनों का आवागमन भी रहता है।
सतह से उखड़ने लगे हैं लिटर वाले पुल
सिचाई विभाग के नहरों पर बने पुल
गंगनहर और यमुना नहर पर बने अधिकतर पुल सिचाई विभाग ने बनाए हैं। इनमें से आज भी काफी संख्या में पुल आजादी से पहले के हैं। नहरों पर बनने वाले अधिकतर पुलों की जिम्मेदारी सिचाई विभाग की होती है। झिझाना रोड पर पूर्वी यमुना नहर पर बने पुल की रेलिग टूट चुकी हैं। इससे हादसे का खतरा बना हुआ है। सिचाई विभाग क्षतिग्रस्त पुलों की मरम्मत करने की तैयारी कर रहा है।
सेतू निगम के जिले में केवल दो पुल
राज्य सेतू निगम ने शामली जिले में केवल दो पुल बनाए हैं। पहला काबड़ौत और दूसरा हसनपुर-सल्फा मार्ग पर। राज्य सेतू निगम के परियोजना प्रबंधक जसवंत सिंह सयाना ने बताया कि काबड़ौत पुल पर धंसी एप्रोच रोड को एक-दो दिन में दुरुस्त कर दिया जाएगा। अभी शामली जिले में सेतू निगम की कोई साइट नहीं है।
शासन के सामने उठाऊंगा मामला: निर्वाल
शामली विधायक तेजेंद्र निर्वाल ने बताया कि जिले के जर्जर पुलों की समस्या को शासन के सामने उठाया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विभिन्न विभागों के अधिकारियों से मुलाकात की जाएगी।