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पशु अवशेषों का डंपिग ग्राउंड में किया गया निस्तारण

ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर नगर पालिका कर्मचारी भी मुस्तैद रहे। जहां भी कुर्बानी के पशु के अवशेष मिले उन्हें डंपिग ग्राउंड ले जाया गया और गड्ढ़ों में दबाकर निस्तारण किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 10:37 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 10:37 PM (IST)
पशु अवशेषों का डंपिग ग्राउंड में किया गया निस्तारण
पशु अवशेषों का डंपिग ग्राउंड में किया गया निस्तारण

शामली, जेएनएन। ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर नगर पालिका कर्मचारी भी मुस्तैद रहे। जहां भी कुर्बानी के पशु के अवशेष मिले, उन्हें डंपिग ग्राउंड ले जाया गया और गड्ढ़ों में दबाकर निस्तारण किया गया।

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प्रशासन और पुलिस के साथ ही मुस्लिम धर्मगुरुओं की ओर से अपील की गई थी कि पशु अवशेष खुले में न डालें। लेकिन शहर में आजाद चौक, पंसारियान, तिमरसा, कलंदरशाह और नौकुआं क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर अवशेष इधर-उधर बिखरे पड़े थे। नगर पालिका प्रशासन ने संबंधित क्षेत्रों में सफाई नायक एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। ट्रैक्टर-ट्रॉली, टैंपो, रेहड़ी आदि के साथ कर्मचारी ड्यूटी पर रहे। जहां भी पशु अवशेष दिखे, उन्हें उठाया गया। ट्रॉली में डालने के बाद काली पन्नी से ढककर भैंसवाल रोड स्थित डंपिग ग्राउंड तक ले जाया गया। साथ ही सफाई भी कराई गई। पालिका के अधिशासी अधिकारी सुरेंद्र यादव ने बताया कि शाम तक कर्मचारी ड्यूटी पर रहे। कई क्षेत्रों में निरीक्षण भी किया गया। सफाई निरीक्षण भी मॉनिटरिग करते रहे। डंपिग ग्राउंड में अवशेषों के निस्तारण के लिए गड्ढ़े खोदे गए थे। ट्रैक्टर-ट्रॉली से पशु अवशेष ले जाने के लिए बाहरी मार्ग का प्रयोग किया गया। कहीं से कोई शिकायत भी प्राप्त नहीं हुई है। वहीं, लॉकडाउन की अवधि में शहर में सफाई, फॉगिग और सैनिटाइजेशन का अभियान भी चलाया गया। शनिवार और रविवार दो दिन में पूरे शहर का कवर किया जाता है।


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