ऋषि बोध उत्सव के दौरान निकाली गई प्रभात फेरी
आर्य समाज मंदिर शामली के आठ दिवसीय ऋषि बोध उत्सव के तीसरे दिन पर प्रभातफेरी वैदिक यज्ञ भजन एवं प्रवचनों के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
शामली, जेएनएन। आर्य समाज मंदिर शामली के आठ दिवसीय ऋषि बोध उत्सव के तीसरे दिन पर प्रभातफेरी , वैदिक यज्ञ, भजन एवं प्रवचनों के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। फरीदाबाद से आए प्रदीप शास्त्री ने इस अवसर पर कहा कि वेदों का पढ़ना, पढ़ाना सभी आर्यों का परम-धर्म है।
ऋषि बोध उत्सव के तीसरे दिन आर्य समाज मंदिर से सुबह साढ़े पांच बजे प्रभात फेरी निकाली गई। प्रभात फेरी शहर के माजरा रोड स्थित राधेश्याम जांगिड-हरिश्याम जांगिड़ के आवास पर पहुंच कर संपन्न हुई। आर्य समाज के पुरोहित डा. रविदत्त आर्य ने यज्ञ संपन्न कराया। यज्ञ के मुख्य यज्ञमान आर्य-इशिका आर्य, अमित आर्य-मनीष आर्य, मनोज आर्य-अंजू आर्य, सचिन आर्य-निकिता आर्य रहे। जिसके बाद फरीदाबाद से आए भजनोपदेशक प्रदीप शास्त्री ने ऋषि दयानंद के जन्मोत्सव पर सुरीले भजनों के माध्यम से उनका जीवन चरित्र प्रस्तुत किया। उन्होंने श्रोताओं को ऋषि दयानंद का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानद ने बताया कि परमात्मा की भक्ति मनुष्य को आत्मिक बल मिलता है। जिससे मनुष्य पहाड़ जैसी विपत्ति में घबराता नहीं है। उन्होंने भजनों के माध्यम से सहज ही ईश्वर भक्ति के बारे में सरल शब्दों में बताया। कार्यक्रम का संचालन मंत्री सुभाष धीमान ने किया। इस अवसर पर संरक्षक रघुवीर सिंह आर्य, पूरण चंद आर्य, प्रधान सुभाष गोयल, आर्य विद्या सभा के प्रधान राजपाल आर्य, मंत्री दिनेश आर्य, घनश्याम जांगिड़, रामेश्वर दयाल आर्य, राजेश, वेदप्रकाश आर्य, सत्यप्रकाश आर्य, मुकेश धीमान, अजय विश्वकर्मा, नरेंद्र धीमान, सुरेंद्र आर्य, कौशल्या आर्य, नीलम आर्य, मिथलेश आर्य आदि उपस्थित रहे।