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वसूली नोटिस पर भड़की भाकियू, विकास भवन घेरा

बकायेदार किसानों को वसूली नोटिस जारी कराने पर भाकियू कार्यकर्ता भड़क गए। किसानों ने विकास भवन का घेराव करते हुए कार्यालयों में तालाबन्दी कर धरना दिया। भाकियू नेताओं ने सहकारिता

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 May 2019 10:56 PM (IST)Updated: Wed, 22 May 2019 10:56 PM (IST)
वसूली नोटिस पर भड़की भाकियू, विकास भवन घेरा
वसूली नोटिस पर भड़की भाकियू, विकास भवन घेरा

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर : बकाएदार किसानों को वसूली नोटिस जारी कराने पर भाकियू कार्यकर्ता भड़क गए। किसानों ने विकास भवन का घेराव करते हुए कार्यालयों में तालाबंदी कर धरना दिया। भाकियू नेताओं ने सहकारिता विभाग की कार्यप्रणाली पर रोष दिखाते हुए एआर कॉ-ओपरेटिव को अपने साथ धूप में धरने पर बैठा लिया। घंटों बाद अफसरों ने किसानों का भुगतान होने तक नीलामी प्रक्रिया पर रोक लगाने का आश्वासन दिया। धरने के दौरान विकास भवन में कामकाज ठप रहा और परिसर में पुलिस बल तैनात रहा।

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बुधवार को भाकियू जिलाध्यक्ष राजू अहलावत के नेतृत्व में कार्यकर्ता ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर विकास भवन पहुंचे और भवन के मुख्य गेट पर ताला लगाकर वहीं सीढि़यों पर धरना शुरू कर दिया। इसी बीच भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने धरने पर बैठे किसानों के बीच एआर कॉपरेटिव को बैठा लिया। धरने के दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि सहकारिता विभाग किसानों को बकाएदार बताते हुए सार्वजनिक रूप से अपमानित करने का काम कर रहा है। किसान देशभर में कर्जे के कारण शर्मिंदा होकर आत्महत्या करने को मजबूर है। सहकारिता विभाग भी किसानों को समाज में बदनाम करते हुए आत्महत्या के लिए मजबूर करने का काम कर रहा है। बकाएदार किसानों के नाम छपवाकर उनकी जमीन नीलाम करने को नोटिस दिया गया है, जिससे किसान आहत हैं। इस दौरान चेतावनी दी गई कि जब तक किसानों की नीलामी की प्रक्रिया को रद्द करने का ऐलान जिला प्रशासन नहीं करता, तब तक विकास भवन में कामकाज नहीं होने देंगे। राजू अहलावत ने कहा कि देश में बकाएदार उद्योगपतियों के नाम उजागर करने से सरकार भी इन्कार करती है, लेकिन किसानों को अपमानित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई। धरने की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे एडीएम वित्त एवं राजस्व आलोक कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट अतुल कुमार, एसडीएम सदर व सीओ सिटी हरीश भदौरिया ने भाकियू नेताओं से वार्ता की, लेकिन उन्होंने बिना आश्वासन धरना समाप्त करने से मना कर दिया। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वासन देते हुए कहा की उच्च अधिकारियों के सामने किसानों की मांग रखी जाएगी। किसानों की नीलामी प्रक्रिया पर रोक लगाकर उन्हें राहत दी जाएगी। इस आश्वासन पर दोपहर तीन बजे सभी किसान धरना समाप्त कर विकास भवन से रवाना हो गए।

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