सरगना धंधा करता रहा और पुलिस दावे
यदि जिले की स्थिति को देखे तो यहां पर नशे का कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा है। गरीबों के लिए नशा करने वाली कच्ची शराब हो या फिर युवाओं को नशे में धकेल रहे गांजा स्मैक व चरस। पुलिस ने करोड़ों के नशीले पदार्थ को बरामद किया लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ जब इस धंधे का सरगना का सरगना पुलिस के हत्थे चढ़ा हो।
शामली, जागरण टीम। यदि जिले की स्थिति को देखे तो यहां पर नशे का कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा है। गरीबों के लिए नशा करने वाली कच्ची शराब हो या फिर युवाओं को नशे में धकेल रहे गांजा, स्मैक व चरस। पुलिस ने करोड़ों के नशीले पदार्थ को बरामद किया, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ जब इस धंधे का सरगना का सरगना पुलिस के हत्थे चढ़ा हो। गिरफ्तारी के बाद पुलिस प्रेसवार्ता में बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन सरगना के खिलाफ कार्रवाई हमेशा हाशिए पर ही रही। गिरफ्तार किए गए आरोपितों को जेल भिजवा कर कर्तव्य की इतिश्री कर ली गई। खातों से गायब सरगना का नाम
पुलिस या आबकारी विभाग, जब भी नशीले पदार्थ की खेप अथवा तस्कर को पकड़ता है तो केवल हाल की कार्रवाई के बारे में बताया जाता है। नशीले पदार्थ की खेप कहां से आ रही थी, उसे किससे खरीदा था, उसे कहां ले जाया जा रहा था, इस बारे में बताने से टीम के अधिकारी बचते रहे हैं। सरगना का दूर होने या फिर जानकारी न होने का बहाने बनाकर पीछा छुड़ा लिया जाता है। कई बार ऐसा भी हुआ जब झिझाना में हरियाणा से लाई तस्करी की शराब बरामद की गई, तब गोदाम मालिक या फैक्ट्री मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया, लेकिन गिरफ्तारी कभी नहीं हुई। यदि रिकार्ड खंगाला जाए तो ऐसे कई मामलों में आरोपित का नाम पुलिस के खातों से गायब हो गया। नशे से बचाव को वेबीनार, किया जागरूक
बुधवार को नशा ना करने के प्रति युवाओं को जागरूक करने के लिए वेबीनार का आयोजन किया गया। वीवीपीजी में सहायक अध्यापक एनएसएस के जिला सह नोडल अधिकारी डा. भूपेंद्र कुमार ने एनएसएस स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि नशा स्वास्थ्य का नाश कर देता है। नशा करने वाले लोगों की सोचने-समझने की शक्ति खत्म हो जाती है। सूखा नशा हमारे लीवर, किडनी, हार्ट और दिमाग पर सीधा असर डालता है। नशा करने वाले लोग नशे की लत की पूर्ति करने के लिए अपराधी बन जाते है। गांव-गांव जाकर युवा शक्ति को नशा न करने के प्रति जागरूक करें। साथ ही आप सभी भी शपथ लें कि कभी भी जीवन में नशा नहीं करेंगे। इस दौरान स्वयंसेवक मनीष कुमार, आकाश गोयल, रिया सैनी, रवि कुमार,सागर, मोनू आदि मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि वह कालेज में भी इस प्रकार के कार्यक्रम आए दिन आयोजित करते हैं। पी-:
शामली: जलालाबाद के मोहल्ला हरिनगर निवासी विजय कुमार ने कई साल पहले नशा मुक्ति के लिए संकल्प लिया। इसके बाद इंटर कालेज, स्कूलों में प्रार्थना सभा में जाकर नशा मुक्ति अभियान की अपील व पंफलेट बांटने शुरू कर दिए। शुरू में काफी लोगों को उसकी इस मुहिम के प्रति नाराजगी हुई। चार वर्ष पूर्व तत्कालीन एसपी अजय पांडे ने उसकी मुहिम का पता चलने के बाद अपने वेतन से उसे 20000 रुपये का पुरस्कार देकर उसकी हौसला अफजाई की। वर्तमान में दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे किनारे पर पैंठ मैदान के निकट बाइक मैकेनिक के रूप में अपने भाई विकास के साथ कार्य कर रहा है। विजय का कहना है कि वह अपने सीमित संसाधनों से मुहिम चलाए हुए है। उसका उदेश्य युवाओं को नशे से बचाना है। जब वह युवाओं को समझाते हैं तो उन्हें असीम शांति मिलती है। फिर भी नहीं हुई कार्रवाई
कहीं नशीला पदार्थ बिक रहा हो, और पुलिस या आबकारी विभाग को न पता हो, ऐसा नहीं हो सकता। पिछले दिनों एक स्मैक तस्कर को पकड़ा गया था। तब एक सिपाही का नाम चर्चाओं में आया था। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। कच्ची शराब के खिलाफ चला अभियान
शामली का कैराना-झिंझाना क्षेत्र कच्ची शराब बनाने को लेकर बदनाम है। जिला आबकारी अधिकारी केपी सिंह ने सितंबर माह से कच्ची शराब न पीएं, न बनाएं, इसके लिए गांवों में जन जागरण अभियान शुरू किया है। पुलिस अधीक्षक सुकीर्ति माधव ने बाबरिया बाहुल झिझाना क्षेत्र में कई बैठक कर लोगों को अवैध शराब का सेवन करने से बचने की अपील की। बोले एसपी
बावरिया बहुल क्षेत्रों में बैठक की जाती रही है। पुलिस कर्मियों की टीम स्कूल-कालेजों में जाकर उन्हें नशे से बचाव को जागरूक करेगी। नशा मुक्ति केंद्रों में उपचार करा रहे लोगों से भी अपील करेंगे। ग्राम प्रधानों की बैठक कर उन्हें अपने क्षेत्र में नशा विरोधी अभियान चलाने के प्रेरित किया जाएगा।