भगवान कृष्ण का हर रूप दिव्य: सुमित कृष्ण
कथा व्यास सुमित कृष्ण ठाकुर ने कहा कि भगवान कृष्ण का स्वभाव बड़ा सुंदर है जो उनको देखता है। वह उन पर मोहित हो जाता है।
शामली, जेएनएन। कथा व्यास सुमित कृष्ण ठाकुर ने कहा कि भगवान कृष्ण का स्वभाव बड़ा सुंदर है, जो उनको देखता है। वह उन पर मोहित हो जाता है। भगवान कृष्ण ऐसे हैं, जो शत्रु को भी माता का रूप देकर अपने धाम भेज देते हैं। हम भगवान को सिर्फ दुख में याद करते हैं, सुख में नहीं। दोनों ही दशा में भगवान को भूलना नहीं चाहिए।
बुधवार को श्यामा-श्याम परिवार के तत्वावधान में मंदिर हनुमान धाम पर चल रही श्रीमछ्वागवत कथा के तीसरे दिन का शुभारंभ मुख्य अतिथि गोविद अग्रवाल पूर्व डीआईजी व उनकी पत्नी शैलजा द्वारा किया गया। इस अवसर पर कथावाचक सुमित कृष्ण ठाकुर ने कहा भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप ऐसा है, जो उन्हें देखता है वह उन पर मोहित हो जाता है। पूरे ब्रजमंडल में कृष्ण-कृष्ण गूंज रहा है, सभी ब्रजवासी, मिट्टी, पेड, लताएं सभी भगवान कृष्ण को पुकार रहे हैं। भगवान कृष्ण का हर रूप दिव्य है जो मन को आनंदित करता है। कृष्ण ऐसे हैं जो शत्रु को भी माता का रूप देकर अपने धाम भेज देते हैं। वे ऐसे परमात्मा हैं जो सबकी मन की बातें जानते हैं। उन्होंने पांडवों की रक्षा के लिए पुत्रों का बलिदान करा दिया जो धर्म हित में था। उन्होंने कहा कि हम भगवान को दुख में याद करते हैं लेकिन सुख में नहीं। परमात्मा से मिलने का एक साधन दुख ही है। जीवन में दुख ही आहार है, उसका साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए। दुख में ही आपका कल्याण संभव है। उन्होंने कहा कि हम अपना रास्ता भटक चुके हैं। उस रास्ते को अब भगवान की ओर ले जाना चाहिए, जिससे आपका कल्याण हो सकता है। उन्होंने कहा कि राजा परीक्षित को रास्ते में कलयुग मिलता है जो एक पैर पर खडा रहता है। राजा परीक्षित उससे पूछते हैं कि तुम्हारे अंदर कितने गुण और अवगुण हैं जिस पर कलयुग बताता है कि महाराज मेरे अंदर अवगुण है सिर्फ एक ही गुण है। वह है भगवान कृष्ण का नाम जो भवसागर पार उतार सकता है। इस मौके पर डा. कृष्ण गोपाल, इंद्रसेन गुप्ता, राजेन्द्र स्वामी, संजय धीमान, नवनीत संगल, हरिओम, अरूण गुप्ता, उषा गर्ग, सपना संगल, रश्मि गर्ग, प्रीति, विनोद, नीरज, सुशीला आदि भी मौजूद रहे।