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प्रधानमंत्री आवास की किश्तों के लिए तरस रहे लाभार्थी

कोविड-19 के प्रकोप के बाद लगे लाकडाउन से प्रधानमंत्री आवास योजना काफी प्रभावित हुई हैं। लाकडाउन के बाद से जिले में लाभार्थियों की किश्त नहीं आ रही हैं। इससे आवासों के निर्माण अधर में लटक गए हैं। जिले में फिलहाल 1504 लाभार्थियों की किश्त नहीं आ सकी हैं। वहीं योजना के लिए हुए नए आवेदन भी लंबित ही चल रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 11:12 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 11:12 PM (IST)
प्रधानमंत्री आवास की किश्तों के लिए तरस रहे लाभार्थी
प्रधानमंत्री आवास की किश्तों के लिए तरस रहे लाभार्थी

जेएनएन, शामली। कोविड-19 के प्रकोप के बाद लगे लाकडाउन से प्रधानमंत्री आवास योजना काफी प्रभावित हुई हैं। लाकडाउन के बाद से जिले में लाभार्थियों की किश्त नहीं आ रही हैं। इससे आवासों के निर्माण अधर में लटक गए हैं। जिले में फिलहाल 1504 लाभार्थियों की किश्त नहीं आ सकी हैं। वहीं योजना के लिए हुए नए आवेदन भी लंबित ही चल रहे हैं। अफसरों का दावा है कि शासन को डिमांड भेजी गई हैं। उम्मीद है कि इसी माह में किश्त पहुंच जाएगी।

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प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले में 7771 आवास बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि 3239 आवासों का कार्य चल रहा हैं। कोविड-19 महामारी के कारण मकानों के निर्माण कार्य पर फिलहाल ब्रेक ही लगा है। वजह साफ है कि लाकडाउन के बाद से आवास योजना के लिए प्रथम, द्वितीय व तृतीय किश्त लाभार्थियों को नहीं मिल सकी है। इससे उनके मकान अधर में ही अटके हुए हैं। जिले में प्रथम किश्त के 276, द्वितीय के 225 व तृतीय के 1003 लाभार्थियों को किश्त का पैसा नहीं मिला है। लाभार्थियों का कहना है कि उनके मकान की किश्त न आने से उधार लेकर कार्य कराया है, जबकि काफी आवास अधूरे ही हैं। लाभार्थी अंशुल कुमार ने बताया कि उसकी तीसरी किश्त नहीं आई है। इस कारण काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं रमेश कुमार, गुड्डी, सत्यपाल आदि ने बताया कि आवास पर कार्य चल रहा था। लाकडाउन के बाद किश्त नहीं आने से काम रुक गया है। किश्त के लिए कई बार डूडा विभाग के दफ्तर पर भी शिकायत कर चुके हैं। परियोजना निदेशक प्रदीपकांत ने बताया कि शासन से किश्त नहीं आ रही है। इसके लिए डिमांड भेजी गई है। उम्मीद है कि इस माह में ही किश्त आ जाएगी।


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