स्माग बढ़ने से स्वास्थ्य पर पड़ रहा प्रतिकूल प्रभाव
शामली जेएनएन। सर्दी की दस्तक के साथ ही स्मॉग ने अपना कहर दिखाना शुरू कर रखा है। स्मॉग कम होने के बजाय धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है। मौसम में नमी होने से बढ़ रहे स्मॉग की सफेद चादर अब सुबह तक रहने लगी है। इससे वाहन सवारों को भी मुश्किलें सामने आने लगी है। वहीं स्वास्थ्य की ²ष्टि से भी स्माग नुकसानदायक साबित हो रहा है।
शामली ,जेएनएन।
सर्दी की दस्तक के साथ ही स्मॉग ने अपना कहर दिखाना शुरू कर रखा है। स्मॉग कम होने के बजाय धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है। मौसम में नमी होने से बढ़ रहे स्मॉग की सफेद चादर अब सुबह तक रहने लगी है। इससे वाहन सवारों को भी मुश्किलें सामने आने लगी है। वहीं स्वास्थ्य की ²ष्टि से भी स्माग नुकसानदायक साबित हो रहा है।
मंगलवार को भी रात्रि में स्मॉग आसमान में छाया रहा। इससे आंखों में जलन व सांस लेने में भी तकलीफ होती रही। सांस के मरीजों को सर्वाधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बुजुर्गों के साथ बच्चों व खासतौर से नवजात शिशुओं की सेहत पर यह भारी पड़ता दिख रहा है। स्मॉग की स्थिति से निपटने के लिए अफसर तमाम तरीके अपना रहे है, लेकिन स्मॉग कम नहीं हो रहा हे। हर बार यह जहरीली हवा दम निकाल देती है। जिला प्रशासन का दावा है कि प्रदूषण से निजात दिलाने के गन्ने की पत्ती व पराली के साथ कूडा करकट जलाने पर सख्ती से रोक लगा रखी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक डीसी पांडेय ने बताया कि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। शामली वायु गुणवत्ता सूचकांक 240 तक पहुंच चुका है। एडीएम अरविद कुमार सिंह ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारी इसमें निरंतर निगरानी रखे हुए है। प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई निरंतर चल रही है। वहीं स्मॉग से बचने के लिए चिकित्सक लगातार सावधानी बरतने की सलाह दे रहे है।