एसीएमओ के निरीक्षण में नदारद मिले डॉक्टर
एसीएमओ (प्रशासन) ने सीएचसी शामली का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान चार डॉक्टर समेत कई अन्य कर्मी नदारद मिले।
शामली, जेएनएन। एसीएमओ (प्रशासन) ने सीएचसी शामली का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान चार डॉक्टर समेत कई अन्य कर्मी नदारद मिले। उन्होंने अनुपस्थित मिले डॉक्टरों और कर्मचारियों का वेतन रोकने की संस्तुति की है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिले के दौरे पर आई महिला अफसरों की टीम ने सीएचसी का निरीक्षण किया था। उस समय मरीजों ने शिकायत की थी कि डॉक्टर ओपीडी में विलंब से आते हैं। ये भी कहा था कि सोमवार को सबसे अधिक मरीजों की भीड़ होती है और इस दिन ही सबसे देर से डॉक्टर आते हैं। कुछ दिन पहले ही जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने भी निरीक्षण किया था और उनके संज्ञान में भी यह शिकायत आई थी। ओपीडी का वक्त सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक का है। सोमवार को मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय भटनागर के निर्देश पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) डॉ. केपी सिंह सुबह 8.35 बजे औचक निरीक्षण करने पहुंचे। चिकित्साधिकारी डॉ. विनोद, डॉ. रामनिवास, डॉ. सक्सेना उपस्थित नहीं थे। निरीक्षण की खबर मिलने पर ओपीडी में पहुंचे। संविदा पर नियुक्त डॉ. सुहैल अहमद भी अनुपस्थित मिले और निरीक्षण तक वह नहीं पहुंचे थे। स्टाफ नर्स रविता 16 अक्टूबर से सोमवार तक अनुपस्थित मिली। लेखाकार विनय कुमार 17 अक्टूबर से आकस्मिक अवकाश पर थे और सोमवार को सुबह करीब नौ बजे उपस्थित हुए। स्वीपर आशु कुमार, देवीशरण, वार्ड आया नीतू, एलटी जत्तो और चीफ फार्मेसिस्ट आरपी सेमवाल अवकाश पर थे। निरीक्षण रिपोर्ट में एसीएमओ ने टिप्पणी की है कि एक साथ इतने कार्मिकों का अवकाश पर होना संदेहास्पद प्रतीत होता है। ऐसे में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रमेश चंद्रा को निर्देश दिए हैं कि इस वर्ष अब तक किसी कर्मचारी को कितने अवकाश किस श्रेणी में दिए गए हैं, इसक पूरा विवरण तीन दिन के भीतर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत करें।
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स्टाफ नर्स से स्पष्टीकरण मांगा
एसीएमओ के निरीक्षण में सामने आया कि स्टाफ नर्स अनीता की ड्यूटी लेबर रूम थी, लेकिन वह ऑपरेशन थियेटर में थीं। निरीक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि वह अपने किसी स्वार्थ के चलते वहां थीं, क्योंकि ऑपरेशन थियेटर में स्टाफ नर्स ममता की ड्यूटी थी। बरला जट गांव निवासी आशीष ने शिकायत करते हुए कहा कि पत्नी रेनू की डिलीवरी होनी है। लेबर रूम में प्रसव पीड़ा हो रही थी, लेकिन कोई स्टाफ नर्स वहां उपस्थित नहीं थी। एसीएमओ ने स्टाफ नर्स अनीता से तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है। इसके अलावा डिलीवरी पंजिका पर किसी चिकित्सा अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं मिले, जिस पर नाराजगी जताई गई। एसीएमओ ने बताया कि शौचालयों की नियमित सफाई करने के निर्देश दिए हैं। जो चिकित्सक विलंब से पहुंचे, उन्हें चेतावनी दी गई है। अनुपस्थित चिकित्सक एवं कर्मचारियों का एक दिन का वेतन रोकने की संस्तुति की गई है और जिलाधिकारी की अनुमति मिलने पर ही वेतन जारी किया जाएगा।
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पूर्व में भी नदारद मिले चुके हैं चिकित्सक
जिलाधिकारी के निर्देश पर पूर्व में एसडीएम और तहसीलदार की ओर से कई बार सीएचसी का औचक निरीक्षण किया जा चुका है। तब भी कई डॉक्टर और कर्मचारी नदारद मिले थे। इसके बाद भी व्यवस्था नहीं सुधरी हैं।
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सीएचसी में कुल 12 चिकित्सक
सीएचसी में चिकित्सा अधीक्षक समेत आठ चिकित्सक स्थायी हैं और चार चिकित्सक संविदा पर नियुक्त हैं। औसतन सीएचसी में 1200 से 1300 मरीज पहुंचते हैं और सोमवार को संख्या 1500 मरीज तक पहुंच जाती है। कुल 12 चिकित्सकों में से एक-एक डॉक्टर की इमरजेंसी और पोस्टमार्टम ड्यूटी रहती है। वहीं, महिला चिकित्सक की ड्यूटी भी अधिकांश नसबंदी कैंप में रहती है।