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70 हजार किसानों को नहीं मिली सम्मान निधि

70 हजार किसानों को नहीं मिली सम्मान निधि

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 May 2019 11:11 PM (IST)Updated: Sat, 11 May 2019 11:11 PM (IST)
70 हजार किसानों को नहीं मिली सम्मान निधि
70 हजार किसानों को नहीं मिली सम्मान निधि

शामली: जिले के 70 हजार से अधिक किसानों को सम्मान निधि के लिए नई सरकार का इंतजार करना होगा। हालांकि, 23 मई को चुनाव के परिणाम आ जाएंगे और इसके बाद सरकार का गठन होगा। लेकिन, किसानों को थोड़ी चिता इस बात की है कि नई सरकार पता नहीं किसकी बनेगी। सरकार किसी और की बनी तो योजना आगे बढ़ेगी भी या नहीं।

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केंद्र सरकार ने आम बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में लघु एवं सीमांत किसानों को सालाना छह हजार रुपये देने का प्रावधान किया था। यह पैसा दो-दो हजार रुपये की तीन किश्त में मिलना है। प्रशासन और कृषि विभाग ने पात्र किसानों को चिन्हित करने के लिए सर्वे किया। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले कृषि विभाग 101155 किसानों का डाटा केंद्र को भेज चुका था। 24 फरवरी को 27903 किसानों को प्रथम किश्त के रूप में दो-दो हजार रुपये मिले थे। इसके बाद अप्रैल में कुल 30260 किसानों को पहली एवं दूसरी किश्त जारी हो गई थी। अब 70545 किसानों को सम्मान निधि का इंतजार है। बोले किसान

काबड़ौत निवासी किसान सुक्रम पाल का कहना है कि गांव के कई किसानों को दो किश्त मिल गई हैं, उन्हें एक भी नहीं। नई सरकार पता किसकी आएगी और क्या करेगी। गोहरनी निवासी सुखमाल सिंह, सतीश कुमार का कहना है कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि सरकार किसी की आई, पर योजना के तहत पैसा जरूर मिलेगा। हो सकता है कि दूसरी सरकार आई तो योजना का नाम जरूर बदल सकती है। कुड़ाना निवासी सतवीर मलिक का कहना है कि सभी पात्र किसानों को एक साथ पैसा मिलता तो ज्यादा बेहतर रहता। 20 हजार से अधिक किसान बढ़े

कृषि गणना-2011 के मुताबिक जिले में 80 हजार किसान सीमांत एवं लघु किसानों की श्रेणी में आते थे। लेकिन, जब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए सर्वे कराया गया तो लघु एवं सीमांत किसानों की संख्या बढ़ गई है। 101155 किसानों का डाटा केंद्र को भेजा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जमीनों के बंटवारे के चलते ही अधिकांश किसान बढ़े हैं। साथ ही कुछ ने जमीन खरीदी है। आचार संहिता से पहले जिनकी निधि स्वीकृत हो गई थी, उन्हें पैसा मिल चुका है। अब जो भी होगा, वह आचार संहिता हटने के बाद ही होगा। जो किसान चिन्हित होने से छूटे होंगे, उनका भी डाटा आचार संहिता हटने के बाद केंद्र को भेज दिया जाएगा।

-डॉ. एसके केसरी, उप निदेशक, कृषि

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