एक शिक्षक..370 छात्र व कक्षाएं छह से 12 तक
अक्षय सैनी, जलालाबाद : भले ही सरकार बच्चों को बेहतर सरकारी शिक्षा मुहैया कराने के दावे
अक्षय सैनी, जलालाबाद : भले ही सरकार बच्चों को बेहतर सरकारी शिक्षा मुहैया कराने के दावे करती हो, लेकिन धरातल पर सरकारी प्रयास कागजों से ऊपर नहीं उठ पा रहे। इसी का परिणाम है कि क्षेत्र के गांव उमरपुर स्थित राजकीय इंटर कालेज में बच्चे हैं, लेकिन शिक्षक नहीं, विद्युत तार जरूर बिछाए गए, लेकिन उनमें करंट नहीं है। यहां तक बच्चों के लिए लैब की ईमारतें जरूर तैयार कराई हैं, लेकिन वहां उपकरण के नाम पर कुछ नहीं है। स्थिति ये है कि कालेज में पढ़ाई करने के आने वाले 370 छात्र-छात्राओं को संभालने के लिए मात्र एक शिक्षक मौजूद है।
गांव उमरपुर में दो साल पहले राजकीय इंटर कालेज का निर्माण किया गया। जिसमें इस सत्र से कक्षा छह से लेकर 12वीं की पढ़ाई शुरू की गई। कालेज के निर्माण से गांव व आसपास के लोगों को उम्मीद जगी कि अब उन्हें शिक्षा के लिए जलालाबाद या थानाभवन कस्बे के चक्कर नही काटने होंगे। पढ़ाई के लिए कालेज में जनवरी माह में एक प्रधानाचार्य की भी नियुक्ति कर दी गई। साथ ही इस सत्र में 370 छात्र-छात्राओं ने यहां दाखिला भी ले लिया, लेकिन इसके बाद से सरकार से लेकर शासन तक ने इस कालेज की हालत की ओर गौर नहीं किया। अब स्थिति ये है कि 370 बच्चों को पढ़ाने के लिए यहां मात्र एक शिक्षक मौजूद हैं। स्कूल की ईमारत तो लगभग तैयार हो चुकी है और यहां बिजली की फि¨टग भी करा दी गई, लेकिन कालेज में अब तक लाइट ही नहीं पहुंची है। जिस कारण बच्चे गर्मी में बेहाल हो जाते हैं। इसके अलावा कालेज में पीने के पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा भी यहां बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं। डीएम इंद्र विक्रम ¨सह ने कहा कि राजकीय इंटर कालेज कालेज में छात्र-छात्राओं की समस्या का समाधान कराया जाएगा। इसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षक को भी निर्देश दिए जाएंगे। जमीन पर बैठकर चलती हैं क्लास
कालेज में बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर तक की व्यवस्था नहीं है। इस कारण छात्रों को जमीन पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है। इस संबंध में ग्रामीण जिलाधिकारी से लेकर शासन तक शिकायत कर कालेज की हालत में सुधार करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब तक किसी अधिकारी ने उनकी पीड़ा नहीं सुनी है। स्टाफ का भी टोटा
हैरत की बात ये है कि कालेज में सिर्फ एक शिक्षक तो है ही, साथ ही स्टाफ के नाम पर भी कालेज में एक अदद चपरासी तक नहीं हैं। न दस्तावेजों के रखरखाव के लिए बाबू। बस फिलहाल तो यह कालेज रामभरोसे चल रहा है।