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रामनिवास मकरासन से दिला रहे दर्द से निजात

शाहजहांपुर : योग अपनाएं, रोग भगाएं..। पिछले 28 वर्षों से रामनिवास अग्निहोत्री यही संदेश जन-जन तक पहु

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 11:58 PM (IST)Updated: Mon, 18 Jun 2018 11:58 PM (IST)
रामनिवास मकरासन से दिला रहे दर्द से निजात
रामनिवास मकरासन से दिला रहे दर्द से निजात

शाहजहांपुर : योग अपनाएं, रोग भगाएं..। पिछले 28 वर्षों से रामनिवास अग्निहोत्री यही संदेश जन-जन तक पहुंचा रह हैं। पेशे से वकील हैं, लेकिन कचहरी के बाद योग गुरू की भूमिका में नजर आते हैं। 17 वर्षों से नियमित योग प्रशिक्षण दे रहे रामनिवास अब तक मकरासन के जरिये एक हजार से ज्यादा लोगों को रीढ़ के दर्द से निजात दिला चुके हैं। कब्ज के पुराने से पुराने मरीजों को राहत दिला चुके हैं। सुबह होते ही वह अपने सेंटर पर पहुंच जाते हैं, जहां करीब दो घंटे तक रुककर लोगों को योगाभ्यास कराते हैं। रामनिवास को 1990 में शाखा प्रबंधक रहे राय ¨सह ने योग से जोड़ा था। 2001 से वह योग विज्ञान संस्थान के जिला उप प्रधान की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

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सप्ताह में बदलते हैं आसन

रामनिवास को सभी आसनों में महारत है, लेकिन मकरासन के लिए उनके पास ज्यादा लोग आते हैं। रामनिवास सप्ताह में 12 आसनों का अभ्यास कराते हैं। उसके बाद अगले सप्ताह आसन बदल देते हैं। अगर किसी को कोई तकलीफ है तो उसके लिए अलग से अभ्यास कराते हैं। विधि : पीठ के बल लेट जाएं। दोनों एड़ियों को मोड़ें। दोनों भुजाएं दायें, बायें सीधी रेखा में फैलाएं। हथेलियां आसमान की ओर रखें। अंगुलियां व अंगूठा मिलाकर रखें। सांस भरें और फिर उसे निकालते हुए दोनों घुटने एक साज्ञि दाहिनी तरफ मोड़ें। गर्दन बायीं ओर घुमाएं, सांस सामान्य करके रुकें। घुटने पर घुटना, एड़ी पर एड़ी, टखने पर टखना रहे। सांस भरते हुए वापस पहले की मुद्रा में आएं। इसी तरह यह क्रिया बाईं ओर करें।

सावधानी :

जिनको साइटिका की बीमारी है वे इस आसन को न करें। अगर इस आसन के करने के बाद भी रीढ़ का दर्द बरकार रहता है तो आसन नहीं करना चाहिए। जिनका पेट का आप्रेशन हुआ हो वे भी इसे न करें।

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लाभ : - रीढ़, गर्दन के दर्द को दूर करता है

- नर्वस सिस्टम के दोष से मिलती है राहत

- बड़ी आंत व फेफड़ों को देता है लाभ

- जांघों तथा ¨पडलियों को करता है पुष्ट


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