कोलाघाट पिलर धंसने के मामले की अल्ट्रासोनिक तकनीक से दिल्ली का संस्थान करेगा जांच
कोलाघाट पुल ढहने का मामला देश में चर्चा का विषय बन गया है। शासन इसमें हर बिदु पर बारीकी से जांच कराना चाहता है। यही कारण है दिल्ली के प्रमुख संस्थान सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट सीआरआरआइ की इसमें मदद ली जाएगी
जेएनएन, शाहजहांपुर : कोलाघाट पुल ढहने का मामला देश में चर्चा का विषय बन गया है। शासन इसमें हर बिदु पर बारीकी से जांच कराना चाहता है। यही कारण है दिल्ली के प्रमुख संस्थान सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट सीआरआरआइ की इसमें मदद ली जाएगी। वहां की टीम अल्ट्रासोनिक पल्स विलासिटी टेस्ट के जरिए परीक्षण करेगी। इसके बाद शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
कोलाघाट पुल जिस तरह से ढहा है वह सिर्फ विभाग ही नहीं बल्कि निर्माण से जुड़े सभी इंजीनियरों के लिए हैरानी भरा है। क्योंकि यहां अब तक किसी भी पुल का इस तरह से पिलर जमीन में नहीं समाया है।
इस तरह होती है जांच
निर्माण से जुड़े इंजीनियरों की मानें तो अल्ट्रासोनिक पल्स विलासिटी टेस्ट में किरणों व ध्वनि का प्रयोग किया जाता है। यह अत्याधुनिक प्रणाली आइआइटी व सीआरआरआइ जैसे संस्थानों के पास है। इसमें किरणें व ध्वनि पिलर पर डाली जाती हैं। अगर ध्वनि या किरण देर से दूसरी ओर पहुंचीं तो माना जाता है कि कंक्रीट व अन्य सामग्री का जुड़ाव ठीक है। अगर यह जल्द दूसरी ओर पहुंचती है तो वहां पर स्थिति गड़बड़ मानी जाती है। इसी तरह सरिया आदि की जांच होती है। इस विधि में जांच के लिए पिलर को तोड़ने की जरूरत नहीं होती। यहां मिट्टी में परिवर्तन हुआ, सरिया टूटी या सामग्री में कोई कमी रही यह इस जांच से जानने में मदद मिलेगी। इसलिए कारण जानना जरूरी
मुख्य अभियंता ने बताया कि अभी सिर्फ भौगोलिक परिवर्तन ही पिलर ढहने का कारण माने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिलर जमीन के अंदर काफी गहराई से तैयार होता है। इसमें वहां से नींव बनाना शुरू की जाती है। इसके बाद भी पूरा पिलर जमीन में धंस गया। इसका इसका मतलब है कि वहां इससे अधिक गहराई का गड्ढा हो गया है। मिट्टी की जांच व खोदाई में सब स्पष्ट होगा। सभी जांच रिपोर्ट का होगा अध्ययन
सेतु निगम सहारनपुर के मुख्य अभियंता संदीप गुप्ता ने बताया कि जब तक सभी जांच रिपोर्ट नहीं आ जातीं हम किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकते। इसकी सीआरआरआइ से जांच कराएंगे। सभी रिपोर्ट आने के बाद ही निर्माण शुरू होगा। इस दौरान बरेली से सेतु निगम के डीपीएम विजेंद्र कुमार, लोक निर्माण विभाग खंड एक के एक्सईएन राजेश चौधरी, अविनाश कुमार आदि मौजूद रहे।