नेशनल हाईवे से सफर में हर पल हादसे का डर
नेशनल हाईवे की दुश्वारियां सिर्फ हुलासनगरा क्रासिग तक ही नहीं हैं।
जेएनएन, शाहजहांपुर : नेशनल हाईवे की दुश्वारियां सिर्फ हुलासनगरा क्रासिग तक ही नहीं हैं। मीरानपुर कटरा से सीतापुर तक का सफर भी जानलेवा और पीसने छूड़ाने वाला हो सकता है। रोजा के गुर्री तक पहुंचने में ही दो घंटे से ज्यादा समय लगा जाता है। जरा सी चूक होने पर दुर्घटना होना तय है। आठ वर्ष से ज्यादा समय से बन रहे इस हाईवे के निर्माण की समयसीमा बार-बार बढ़ाए जाने का भी कोई नतीजा नहीं निकला। कटरा से सईद उस्मानी व रोजा से राम मिश्र की रिपोर्ट।
मीरानपुर कटरा : शाम के करीब चार बज रहे थे। सूरज अभी डूबा नहीं था, लेकिन धुंध के कारण के अंधेरा छाने लगा था। उचौलिया तक जाना था। करीब पौने दो घंटे में दूरी तय होनी थी। हुलासनगरा क्रासिग के जाम से किसी तरह निकलकर आगे की ओर बढ़े तो ट्रक साइड से धूल उड़ाता निकला। कार रोकनी पड़ी। आगे बढ़े तो कटरा चौराहे पर ओवरब्रिज के पास जाम में फंस गए। साइड की सड़क पूरी तरह से उधड़ी हुई थी। यहां ओवरब्रिज का निर्माण पूरा नहीं है। कटरा-जलालाबाद व खुदागंज जाने वाले मार्गों का ट्रैफिक सिगल रोड से गुजरता है, जिस कारण पूरे दिन यही स्थिति रहती है। थाने के पास भरे गए गड्ढे की मिट्टी निकल रही थी।
तिलहर: तिलहर तक के रास्ते में बड़े-बड़े गड्ढों को पिछले दिनों मरम्मत कराकर पाट दिया गया, पर इसके बाद भी सफर आसान नहीं। तिलहर में अब भी कई स्थानों पर गड्ढे हैं। तीव्र मोड़ व डायवर्जन बार-बार गाड़ी में ब्रेक लगाने को मजबूर करते हैं। नगर के पश्चिमी मोड़ पर ढाबे के सामने एल टाइप के डायवर्जन के कारण दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। यही स्थिति फिलिग स्टेशन के सामने हैं ।
रोजा : मौजमपुर के पास पहुंचते-पहुंचते पांच बज चुके थे। अंधेरा हो गया था। बरेली मोड़ के पास सड़क की स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है। कई बार सड़क की मरम्मत की गई, लेकिन बजरी उधड़ जाती है। दो पहिया चालकों को सावधानी बरतनी पड़ती है। जरा सी चूक जानेलेवा व चोटिल भरी हो सकती है। चार पहिया वाहन चालकों का सफर भी आसान नहीं है। यहां पर ओवरब्रिज का निर्माण अधूरा है। जिस कारण वाहनों को सड़क से होकर ही चौराहा पास करना पड़ता है। धूल व मिट्टी के से सांसे उखड़ने लगती है, दिखना बंद हो जाता है। गर्रा पुल पर सड़क सिगल हो जाती है। दस मीटर के फासले पर खन्नौत नदी का पुल है। दोनों की सड़क खराब है।
हरदोई बाईपास के पास जाम के हालात रहते हैं। कई जगह पैचवर्क से गड्ढे छूट गये हैं। इसलिए रोजा तक झटके खाते हुए जाना पड़ता है। निवाजपुर तिराहे से अटसलिया के लिए पुल बनना है, लेकिन काम शुरू तक नहीं हुआ। रोजा अड्डा के पास सड़क पूरी तरह से उधड़ी हुई है। जिस कारण रेलवे के सिगल लेन पुल पर दिन भर जाम रहता है। मंडी समिति के सामने भी पूरे दिन हाईवे जाम की स्थिति रही है। रेलवे साइडिग रैक की लोडिग अनलोडिग के कारण दोनों ओर ट्रकों की लाइन रहती है। साइड पटरी काफी नीचे हैं, जिस कारण कोई वाहन नहीं उतार सकता।
कोयले वाले धर्मकांटे के पास तो काफी गड्ढे हैं। साइड में उतारने की कोशिश करेंगे तो साइड पटरी दो तीन फिट नीचे है, इसलिए गाड़ी नहीं उतार सकते। क्योंकि गाड़ी पलटना तय है। उद्योग बंधु की बैठक में बार-बार मुद्दा उठाया जाता है, पर सुनवाई नहीं हो रही। आगे जमुका दोराहा पर सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। यहां पर लगभग दो माह पहले ट्रक व पिकअप की टक्कर में 17 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद यहां पर संकेतक लगवाए गए थे। ब्रेकर बनवाए गए, लेकिन बाद में उन्हें ऊंचाई अधिक होने के कारण तुड़वा दिया गया। चक भिटारा के पास लखनऊ की ओर से आने वाली सड़क पर काफी गड्ढे हैं। बीच-बीच में यही स्थिति है। जिस कारण गुर्री तक पहुंचने में ही छह बज गया। पुलों की स्थिति
- मीरानपुर कटरा में मुख्य चौराहे के पास पुल बनाने का काम अधर में है।
- कटरा में ही हुलासनगरा क्रासिग पर पुल के पिलर खड़े हैं, काम रुका है।
- तिलहर में बाईपास चौराहे के पास पुल का काम अभी चल ही रहा है।
- बरेली मोड़ पर पुल बना है, लेकिन एप्रोच रोड अब तक नहीं बनी है।
- हरदोई बाईपास पर पुल का निर्माण पूरा, लेकिन एप्रोच रोड का काम शुरू नहीं।