ट्रैक्टर ने बाइक में मारी टक्कर, साढ़ूभाइयों की मौत
रिश्तेदारी में हुई मौत में शामिल होने जा रहे सगे साढ़ूओं की सड़क हादसे में मौत हो गई।
जेएनएन, शाहजहांपुर : रिश्तेदारी में हुई मौत में शामिल होने जा रहे सगे साढ़ूओं की सड़क हादसे में मौत हो गई। उनकी बाइक में सामने से आ रही ट्रैक्टर-ट्रॉली ने टक्कर मार दी।
थाना मदनापुर क्षेत्र के गांव रजपुरा निवासी 30 वर्षीय सुखवीर यादव पुत्र स्व. राजबहादुर की पत्नी रीना करीब पांच दिन पहले जिला हरदोई के थाना पचदेवरा क्षेत्र के गांव जलपापुर पकरा निवासी बहन सुमन पत्नी 45 वर्षीय भगवानशरण उर्फ पप्पू यादव के घर गई हुई थीं।
शनिवार को भगवान शरण रीना को उनके घर छोड़ने आए थे। रात में वह साढ़ू के घर में ही रुके गए। सुबह खबर मिली कि भगवान शरण के फूफा फर्रूखाबाद निवासी हंसवीर यादव के पिता रामचंद्र यादव की बीमारी से मौत हो गई।
भगवान शरण और सुखवीर एक बाइक से अंतिम संस्कार में शामिल होने के घर से निकले थे। कटरा-फर्रूखाबाद स्टेट हाईवे पर गांव चंदोखा के पास सामने से आ रही मिट्टी भरी ट्रॉली ने टक्कर मार दी। जिससे भगवान शरण की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि सुखवीर गंभीर रूप से घायल हो गए।
परिजन उनको बरेली ले जा रहे थे। तभी रास्ते में उन्होंने भी दम तोड़ दिया। चालक मौके पर ट्रैक्टर-ट्रॉली छोड़कर फरार हो गया। मामले में अज्ञात ट्रैक्टर चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
- अगर कोई परेशानी होती थी तो दोनों एक साथ हो जाते थे खड़े
सुख-दुख के साथी, सगे भाइयों जैसा था रिश्ता
संवाद सूत्र, मदनापुर: सड़क हादसे में मौत का शिकार हुए भगवान शरण उर्फ पप्पू और सुखवीर वैसे तो रिश्ते में साढ़ू लगते थे, लेकिन दोनों की बीच भाइयों जैसा प्रेम था। कभी भी एक दूसरे पर कोई परेशानी होती थी, दोनों एक दूसरे के लिए खड़े हो जाते थे। दोनों ने एहसास ही नहीं होने दिया कि वह रिश्ते में साढ़ू हैं।
दोनों एक साथ दुनिया से अलविदा हो गए। उनकी मौत से परिवारों पर संकट खड़ा हो गया है। हरदोई के थाना पचदेवरा क्षेत्र के गांव जलपापुर पकरा निवासी भगवान शरण उर्फ पप्पू की करीब 20 साल पहले सीतापुर के थाना पिसावां क्षेत्र के गांव सिरसवां निवासी सुमन से हुई थी।
करीब सात साल पहले मदनापुर क्षेत्र के गांव रजपुरा निवासी सुखवीर की शादी सात साल पहले उनकी छोटी बहन रीना से हुई थी। दोनों बहनों के बीच काफी प्रेम था। जिसका असर यह हुआ कि भगवान शरण और सुखवीर के बीच बहुत अच्छे संबंध हो गए थे।
सुखवीर अपने साढ़ू भगवान शरण को भाई की तरह मानते थे। दोनों परिवारों में अक्सर एक दूसरे के घर आते जाते रहते थे। पांच दिन पहले सुमन के बुलाने पर रीना उनके घर गई थी। भगवान शरण उसको छोड़ने आए थे।
हादसे से दोनों बहनों की उजड़ी दुनिया
हादसे की खबर लगते ही सुमन और रीना बदहवास हो गईं हैं। दोनों बार-बार कह रही है कि उन्होंने सपने भी नहीं सोचा था कि उसके जीवन में एक साथ ऐसी विपत्ति आएगी। सुमन पति की मौत की खबर सुनकर बच्चों को लेकर जिला अस्पताल पहुंच गई।
18 वर्षीय बेटी नेमवती, 15 वर्षीय बेटा सुरजीत, 12 वर्षीय बेटा प्रदीप, 10 वर्षीय बेटा कुलदीप और आठ वर्षीय अंकित का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं सुखवीर के पांच वर्षीय बेटी निहारिका, तीन वर्षीय सोनम, और एक वर्षीय निधि है। पिता की मौत से इनके सिर से साया उठ गया है।