बाघ दिखने के बाद एकजुट हो खेतों में काम को जा रहे ग्रामीण
क्षेत्र के हिमंचलपुर गांव में 14 सितंबर को बाघ की चहलकदमी देखी गई थी।
- विकासखंड खुटार के गांव हिमंचलपुर के पास कई बार देखा जा चुका बाघ
- वन विभाग के अधिकारियों की सुस्त कार्रवाई से दहशत में कई गांव के लोग
संवाद सूत्र खुटार : क्षेत्र के हिमंचलपुर गांव में 14 सितंबर को बाघ की चहलकदमी देखी गई थी। लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी वन विभाग की टीम ने बाघ को पकड़ने में कामयाब नहीं हो सकी। ग्रामीण खेतों पर एकजुट होकर काम करने को निकलने को मजबूर हैं। बाघ क्षेत्र में कई पशुओं का भी शिकार कर चुका है।
बारिश न होने की वजह से किसानों का ज्यादातर समय खेतों में ही गुजरता है। वहीं बाघ की दहशत से ग्रामीण ज्यादातर इकठ्ठे होकर काम करते हैं। ग्रामीण बाघ को जल्द पकड़ने की वन विभाग की टीम से गुहार लगा रहे हैं। सोमवार को जब एक बार फिर बाघ ने गाय का शिकार किया तो वन क्षेत्राधिकारी डीएस यादव, वन दारोगा सुरेंद्र पाल गौतम टीम के साथ रात में भी गश्त करते रहे। ग्रामीणों की सुनें..
अगर बाघ को जल्दी न पकड़ा गया तो किसी न किसी दिन वह ग्रामीणों पर भी हमलावर हो जाएगा। जबकि खेतों पर काम इन दिनों ज्यादा है। गन्ना के साथ-साथ धान में भी पानी लगना है।
रामाधार तिवारी फोटो : 17एसएचएन 25
पशुओं को चराने के लिए खेत पर ले जाने में भी डर लगा रहता है। कहीं बाघ जानवर को अपना शिकार न बना ले। खुद भी जान बचाने के लिए लगातार चौकन्ने रहते हैं।
अरविद कुमार ------ फोटो : 17एसएचएन 26
बाघ पकड़ने के लिए अधिकारियों को हाथी मंगवाने चाहिए। लेकिन सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही है। काम-काज निपटाने के साथ-साथ बच्चों पर भी बराबर नजर रखनी पड़ रही है।
अविनाश शर्मा --------
फोटो : 17एसएचएन 27
अधिकारी बाघ को बकरी या कुत्ता समझ रहे हैं। जो पीपा बजाने से भाग जाएगा या लाठी-डंडा फटकारने से पास नहीं आएगा। जबकि लगातार क्षेत्र में बाघ देखा जा रहा है।
मुरारी लाल
वर्जन
बाघ पकड़ने के लिए टीमें लगी हैं। ग्रामीणों से भी लगातार संपर्क किया जा रहा है। उम्मीद है जल्द बाघ को पकड़ने में कामयाबी मिलेगी।
डीएस यादव, वन क्षेत्राधिकारी