प्रधानमंत्री जी, कोई अनाथ सड़कों पर न घूमे
बाों का मन बड़ा कोमल होता है लेकिन विचार बहुत प्रखर। बाल दिवस की पूर्व संध्या पर तमाम बाों ने दैनिक जागरण के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम चिट्टी लिखी।
जेएनएन, शाहजहांपुर : बच्चों का मन बड़ा कोमल होता है, लेकिन विचार बहुत प्रखर। बाल दिवस की पूर्व संध्या पर तमाम बच्चों ने दैनिक जागरण के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम चिट्टी लिखी। किसी ने नारी सुरक्षा का मुद्दा उठाया तो किसी ने भ्रष्टाचार। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के मन लगाकर न पढ़ाने की भी बात सामने आई। सभी बच्चों ने प्रधानमंत्री मोदी की मेहनत की चर्चा की। विकसित राष्ट्र के सपने को साकार करने के लिए सुझाव भी दिए। सेवा में,
आदरणीय प्रधानमंत्री जी,
आपने गरीबों के घर सिलिडर पहुंचाकर महिलाओं का स्वास्थ्य संवारा। शौचालय बनवाकर बीमारियों से बचाया। स्वच्छता अभियान से सोच बदली। बाल दिवस पर आपसे अपने शहर की समस्या निस्तारण की उम्मीद करती हूं। शाहजहांपुर में बहुत जाम रहती है। निजात के लिए तिराहों, चौराहों ट्रैफिक लाइट लगे। पुलिस तैनात हो। सड़कों पर तमाम अनाथों की तरह घूमते है। स्कूल से घर लौटते समय फटे कपड़ों में बच्चों को बूढ़ी मां के साथ देखा। जिन बच्चों के पास घर नहीं, दो वक्त की रोटी नहीं.. उनके लिए भोजन व शिक्षा का उचित प्रबंध हो। प्रतिभा पलायन रोकने के लिए आरक्षण व्यवस्था बंद होनी चाहिए।
श्वेता राज, कक्षा - 9 डा. सुदामा प्रसाद कन्या इंटर कॉलेज
सेवा में,
प्रधानमंत्री जी, भारत सरकार
पूरा राष्ट्र जानता है कि आपने मजबूत कंधों से विश्व में देश का मान बढ़ाया। उम्मीद है कि आपके नेतृत्व में आगे भी देश प्रगति करेगा। बच्चों के साथ भी आपने मन की बात की। परंतु हमें लगता है जातिगत आरक्षण देश की प्रगति में बाधक है। स्कूलों की पढ़ाई के नाम पर छल किया जाता है। सरकारी स्कूलों के योग्य शिक्षक मन से बच्चों को नहीं पढ़ाते। महिलाओं के साथ घटनाएं बढ़ रही है। इसका प्रभाव देश के पर्यटन पर भी पड़ रहा है। सेना पूरी मुस्तैदी से रक्षा करती है, लेकिन सैनिकों को वेतन बहुत कम है, उसे बढ़ाना चाहिए। शहीद सैनिक परिवारीजनों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। गरीबों के इलाज भी बेहतर होना चाहिए। आशा है आप मेरी बातों पर गौर करेंगे।
अदिति बारोई, कक्षा 10, तक्षशिला पब्लिक स्कूल सेवा में,
आदरणीय प्रधानमंत्री जी,
आपने विश्व में देश में नाम चमकाया। भ्रष्टाचार पर अंकुश भी लगाया, लेकिन फिर भी अभी रिश्वतखोरी दिनों दिन बढ़ रही है। यह कुप्रभा हमारे तंत्र को भीतर ही भीतर खोखला कर रही है। बाल दिवस पर आपसे अपेक्षा है कि भ्रष्टाचार व घूसखोरी को तत्काल समाप्त अंकुश लगाए। गरीब व निचले दर्जे के लोगों को जो भी सरकार मदद मुहैया कराती है, वह लाभार्थी तक पूरी नहीं पहुंचती। जो भी र्भ्रष्टाचार के आरोपी चिन्हित हो, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। भले ही वह कितने ही उच्च पद पर क्यों न हो। इससे हम नए भारत का निर्माण कर सकते हैं।
प्रदीप्ती सक्सेना कक्षा 9, डॉन एंड डोना
सेवा में,
श्रीमान प्रधानमंत्री जी
मैं रायन इंटरनेशनल स्कूल कक्षा दस की छात्रा अनन्या आपकी कार्यशैली से बेहद प्रभावित हूं। आपने युवा पीढ़ी को प्रेरित कर विकसित देश का सपना दिखाया है। यह एक नए भारत की नींव है। जो आपने योजनाएं बनाई वह धरातल पर उतरे, कोई गरीब भूखा न सोए। आयुष्मान योजना कागजों पर संचालित होने के बजाय हर गरीब के इलाज में सहायक बने। ऐसा प्रयास हो। गरीबों को समानता का हक मिले, उनका आत्मविश्वास बढ़े। स्वच्छ भारत अभियान से बीमार होने का प्रतिशत घटा है। आरक्षण से होनहार बच्चे पीछे रह जाते है, इसलिए आरक्षण भी हटना चाहिए। उम्मीद है कि आप मेरी सुझावों पर विचार करेंगे।
अनन्या अग्रवाल, कक्षा 10, रॉयन इंटरनेशनल स्कूल सेवा में,
आदरणीय प्रधानमंत्री जी
एक छात्रा के रूप में आपसे बाल दिवस पर निवेदन करना चाहूंगी कि विद्यालय ऐसे हों, जिनमें सभ्य, सुसंस्कृत व ज्ञानवान नागरिक बने। विद्यालयों में कौशल और कलाओं के विकास पर अधिक ध्यान दिया जाए। बालिकाओं की शिक्षा निश्शुल्क हो। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा दिया जाए। स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हो। महिलाओं की सुरक्षा पर अधिक ध्यान दिया जाए। आयुष्मान योजना व महिला सुरक्षा योजनाओं को को और प्रभावी बनाया जाए। मेरी शुभकामनाएं कि आपके नेतृत्व में देश दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति करता रहे।
विभावरी, कक्षा - 9, केंद्रीय विद्यालय नंबर दो