बुखार से मासूम समेत छह की मौत
जानलेवा बुखार ने चौबीस घंटे के अंदर जिले में अलग-अलग स्थानों पर छह लोगों की जान ले ली।
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : जानलेवा बुखार ने चौबीस घंटे के अंदर जिले में अलग-अलग स्थानों पर छह लोगों की जान ले ली। मरने वालों में मासूम भी शामिल है। मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने प्रभावित गांवों में जाकर मेडिकल कैंप लगाये और मरीजों का चेकअप किया। अस्पतालों में किए जा रहे इंतजाम के बाद भी रोकथाम नहीं हो पा रही है। महिला समेत दो की मृत्यु
संवाद सूत्र निगोही : क्षेत्र के गांव महुलिया निवासी श्यामादेवी को सात दिन पहले बुखार आया था। कई डॉक्टरों को दिखाया गया, पर तबीयत सुधार नहीं हुई। शाम पांच बजे इलाज के दौरान मौत हो गई।
गांव में बड़ी संख्या में लोग बीमार हैं। बुखार का कारण प्रदूषित पानी और गंदगी माना जा रहा है। पचदियुरा गांव निवासी ¨पकू 40 वर्ष मजदूरी करता था। मंगलवार को उसे बुखार आया। गांव में लगे स्वास्थ्य विभाग के कैंप में दवा लेने के बाद उसे परेशानी होने लगी। परिजन उसे जिला अस्पताल ले गये। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि गलत दवा देने के कारण उसकी मौत हुई। सूचना पर पहुंचे ब्लाक प्रमुख मनोज कुमार वर्मा ने चार हजार रुपये की आर्थिक मदद दी। गुरगवां, गिरगिचा, जहानपुर, संडा, खेड़ा संडा, पतराजपुर, ईशापुर आदि गांवों में बुखार का प्रकोप है। मासूम को ले जाया गया था निजी अस्पताल, नहीं बची जान
रोजा : जमु़का गांव निवासी बृजेश कुमार का तीन वर्षीय पुत्र धीरेंद्र तीन दिन से बुखार से पीड़ित था। बिगड़ती हालत को देखकर परिजनों ने मासूम को जिला में भर्ती कराया गया हालत में सुधार ना होता देख धीरेंद्र को शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले गया, जहां उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। मंगलवार देर रात करीब धीरेंद्र को मौत हो गई। मृतक की मां गुड्डी देवी ने बताया पिछले वर्ष उसके बड़े बेटे लालदास की तांत्रिक के कहने पर हत्या कर दी गई थी। धीरेंद्र पर भी तंत्र-मंत्र की आशंका जताते हुए उसका पिता पहले तो शव दफनाने को तैयार नहीं हुआ। जब लोगों ने काफी समझाया तो करीब 15 घंटे बाद वह माना। महानगर की चर्च कॉलोनी में स्वास्थ्य कैंप लगाकर 50 बुखार पीड़ितों का चेकअप किया गया। तेज बुखार से पीड़ित आठ मरीजो की खून की जांच की गई। इस मौके पर डा. युसूफ, अनिकेत, मनोज शर्मा, विनीत पांडेय ,अनिकेत मिश्र आदि मौजूद रहे। भावलखेड़ा सीएचसी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी अंबरीश कुमार मौर्या ने बताया जमुका गांव में टीम भेजी जा रही है। एक सप्ताह से आ रहा था बुखार
खुदागंज : रामपुर नवदिया गांव निवासी ओंकार की पत्नी नन्ही देवी 40 वर्ष को करीब एक सप्ताह से बुखार आ रहा था। सुबह उनकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि इलाज कराया जा रहा था, लेकिन फायदा नहीं हुआ। सीएचसी ले जाते समय किशोर ने दम तोड़ा
जलालाबाद : बुधवार सुबह गांव के वीरपाल के 16 वर्षीय पुत्र कालीचरण की बुखार से मौत हो गई। परिजनों ने हल्का बुखार होने पर झोलाछाप से दवा ली थी, जिससे आराम हो गया था। बुधवार तड़के करीब चार बजे हालत बिगड़ने पर उसे सीएचसी ले जा रहे थे, रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। सूचना मिलने पर सीएचसी प्रभारी डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार टीम को लेकर गांव पहुंचे। जहां कैंप लगाकर 149 मरीजों का चेकअप किया गया, जिसमे 72 मरीज बुखार के थे। 23 अगस्त को गांव के ही खुशीराम ने एसडीएम विजय शर्मा को शिविर के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, पर सुनवाई नहीं हुई। गांव में दर्जनों बच्चे व ग्रामीण बीमार हैं। इस गांव में पिछले वर्ष डिप्थिरिया से करीब एक दर्जन बच्चों की मौत हो गई थी। ग्राम ¨धयरिया निवासी छविराम को सुबह परिजनों ने तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया। उसे जिला अस्पताल भेजा गया, जहां मौत हो गई।