एसआइटी ने स्वामी चिन्मयानंद और पीड़ित छात्रा के दोस्त का कराया आमना-सामना
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर लगे दुष्कर्म के आरोप की जांच कर रही एसआइटी ने रविवार को उन्हें फिर पूछताछ के लिए बुलाया।
शाहजहांपुर, जेएनएन। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर लगे दुष्कर्म के आरोप की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआइटी) ने रविवार को उन्हें फिर पूछताछ के लिए बुलाया। इस बार उनका सामना छात्रा के दोस्त संजय सिंह से कराया। दोनों को आमने-सामने बैठाकर सवाल किये गए। इसके साथ ही चिन्मयानंद के कॉलेज के दोनों प्राचार्यों और कार चालक से भी पूछताछ की गई।
रविवार सुबह करीब 11 बजे स्वामी चिन्मयानंद व उनके ड्राइवर साकेत को एसआइटी ने पुलिस लाइंस स्थित अस्थाई कार्यालय बुलाया। कार चालक से पूछा गया कि वह छात्रा के बारे में क्या जानता है। चिन्मयानंद से उसकी जान पहचान कैसे हुई, कब से वह नौकरी कर रहा है। इसके बाद करीब एक बजे एसएस परास्नातक कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अवनीश मिश्र, एसएस लॉ कालेज के प्राचार्य डॉ. संजय बरनवाल व एक लिपित को बुलाया। तीनों लोगों के पास कई अभिलेख भी थे। एसआइटी ने चिन्मयानंद व साकेत की मौजूदगी में उन तीनों से भी पूछताछ की।
दोपहर करीब ढाई बजे छात्रा के दोस्त संजय सिंह व संजय के तहेरे भाई दुर्गेश व मौसेरे भाई सचिन सेंगर को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया। तीन बजे दोनों प्राचार्य व बाबू तो बाहर निकल जाए, लेकिन स्वामी चिन्मयानंद, साकेत व तीनों युवक अंदर ही रहे, जहां उनसे देर शाम तक पूछताछ जारी थी। बताया जा रहा कि उन्हें आमने-सामने बैठाकर सवाल किए गए। इससे पहले 12 सितंबर को भी चिन्मयानंद से लंबी पूछताछ की गई थी।
कौन है संजय
दरअसल, संजय सिंह खुद को छात्रा का दोस्त बताते हैं। वह कह चुके हैं कि चिन्मयानंद छात्रा का शोषण करते थे। पता चला तो पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए उसका साथ दिया। 24 अगस्त को आपबीती का वीडियो वायरल कर लापता हुई छात्रा जब 30 अगस्त को राजस्थान के दौसा जिले के एक होटल में पुलिस को मिली तो वहां संजय भी साथ थे। बाद में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें संजय कुछ लड़कों से बात कर रहे। उसे रंगदारी प्रकरण से जोड़ा गया। इस वीडियो में संजय के तहेरे भाई दुर्गेश व मौसेरे भाई सचिन सेंगर भी बताए जा रहे हैं। इसीलिए एसआइटी ने उन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाया था।
दो मामलों की एक साथ हो रही जांच
छात्रा का आरोप है कि उससे दुष्कर्म किया गया। इसकी शिकायत दिल्ली के लोधी रोड थाने में दर्ज करा चुकी। वहीं चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने आरोप लगाया कि पांच करोड़ की रंगदारी न देने पर चिन्मयानंद व कॉलेज की छवि खराब की जा रही। 24 अगस्त को उन्होंने चौक कोतवाली में इसका मुकदमा दर्ज कराया था।