हादसे ने छीन लीं तीन परिवारों की खुशियां
घर से निकलो तो पता जेब में रखकर निकलो हादसे चेहरों की पहचान मिटान दिया।
शाहजहांपुर : घर से निकलो तो पता जेब में रखकर निकलो हादसे चेहरों की पहचान मिटान दिया करते हैं। शुक्रवार को सुबह करीब तीन बजे हुए हादसे के बाद सड़क पर बिखरे पड़े शव और घायलों की चीखपुकार सन्नाटे को चीर रही थी। वहीं मृतकों के घरों में चीख पुकार मची थी। हादसे में जिन लोगों की मौत हुई है। वे तीनों इकलौते चिराग थे।
गांव चौड़रा निवासी बैंड मास्टर अशफाक राज नाम से बैंड चलाते थे। इकलौता बेटा सोबिन पिता के काम में हाथ बंटाता था। वह पिता के साथ हर शादी में जाता था और बैंड बजाता था। बेटे का साथ मिलने से अशफाक को काफी आसानी हो जाती थी। गुरुवार को भी सोबिन शादी में बैंड बजाने गया था। वापस आने पर सोबिन अपने पिता अशफाक के साथ में गए बैंड के कर्मचारियों का दुकान के बाहर हिसाब करने लगा। इसी दौरान कुछ लोग पिकअप में लदे सामान को उतार रहे थे। इसी दौरान अचानक अनियंत्रित कंटेनर ने सबकों अपनी चपेट में लिया। अशफाक तो बाल-बाल बच गए। लेकिन वह अपने बेटे को नहीं बचा पाए। शोबीन उनका सबसे बड़ा और इकलौता बेटा था। बेटे की मौत से वह बुरी तरह टूट गया है। मां रेहना बेटे की मौत से बेसुध हो गई हैं। वहीं मृतक की छोटी बहन 15 वर्षीय नाजियबानो, 10 वर्षीय बेटी साहिला, पांच वर्षीय खुजनाज का रो-रोककर बुरा हाल है। इस्लाम की मौत से खड़ा हुआ रोजी रोटी का संकट
इस्लाम के पिता बांके की चार साल पहले बीमारी से मौत हो गई। इस्लाम के पिता भी बैंड बाजा बजाने का काम करते थे। उसने पिता से बैंड बाजा बजाना सीख लिया था। इसी से वह अपने परिवार को भरण पोषण करता था। वह अपने परिवार में इकलौत बेटा था। मां नसीमन और पत्नी जरीना इस्लाम की मौत से बेसुध हो गई हैं। जरीना के सामने संकट खड़ा हो गया है कि वह आठ वर्षीय बेटा अरमान, सात वर्षीय बेटा शहवान और दो वर्षीय बेटा सरताज का कैसे भरण पोषण करेगी। इस्लाम मजदूरी करके लाता था तभी परिवार को रोटी नसीब होती थी। इस्लाम का परिवार गरीबी में जीवन यापन कर रहा था। ग्रामीणों के मुताबिक इस्लाम के परिवार के पास एक इंच जमीन भी नहीं है। अशोक का भी छीन गया अकेला लाल
लालबाग निवासी अशोक वर्मा का 18 वर्षीय बेटा सतीश वर्मा अशफाक के बैंड में काफी समय से काम कर रहा था। सतीश दो बहनों 15 वर्षीय शिल्पी और छह वर्षीय रंगोली से बड़ा था। इकलौते बेटे की मौत ने अशोक को तोड़कर रख दिया है। मृतक की मां ऊषा देवी बेटे की मौत से बेसुध हो गईं हैं। परिजनों के मुताबिक अशोक को बचपन से बैंड बाजा बजाने का शौक था। परिवार के लोग उससे दूसरा काम करने को कहते थे, लेकिन वह नहीं मानता था। हिसाब बन गया आखिरी सांस का हिसाब
शादी में बैंड बजाने के बाद सभी लोग वापस आए थे। ग्रामीणों के मुताबिक अशफाक काम से लौटने के बाद तुरंत सभी का हिसाब कर देता था। वह सब का हिसाब कर रहा था। तभी अचानक कंटेनर काल बनकर आ गया। जिसने चार लोगों की जान ले ली। लाला बाग के पास डिवाइडर बनाया जा रहा है। संबंधित कंपनी ने रात में भी काम कराया। बाकी बची बजरी कर्मचारियों ने सड़क पर छोड़ दी। हारदोई की तरफ से आ रहे तेज रफ्तार कंटेनर चालक ने सड़क बजरी बड़ी देखकर ब्रेक लगाने का प्रयास किया। लेकिन सड़क पर पड़ी बजरी की वजह से वह अपना नियंत्रण खो बैठा। इसकी वजह से हादसा हो गया। जिसमें चार बेकसूर लोगों की जान चली गई जो मेहनत मजदूरी करके परिवार का गुजरा करते थे। आक्रोशित ग्रामीणों लगाया जाम
घटना के बाद सुबह होते-होते सैंकड़ों ग्रामीणों की भी मौके पर लग गई। आक्रोशित ग्रामीणों ने हाईवे पर जाम लगा दिया। उनकी मांग थी कि मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए। मौके पर थाना रोजा, आरसी मिशन, सेहरामऊ दक्षिणी और कोतवाली पुलिस पहुंच गई। एसडीएम सदर रामजी मिश्रा और सीओ सदर बल्देव ¨सह मिश्रा ने ग्रामीणों को काफी समझाया। करीब आधे घंटे बाद ग्रामीणों ने जाम खोला। जिसकी वजह से सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी लाइन लग गईं। पुलिस ने कंटेनर चालक को हिरासत में लिया है। अशफाक की तरफ से उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। रात में एक शादी में बैंड बाजा बजाकर सभी लोग आए थे। यह लोग सड़क किनारे अपनी हिसाब किताब कर रहे थे, तभी हरदोई की तरफ से आ रहा तेज रफ्तार कंटेनर अनियंत्रित हो गया। जिसकी चपेट में आकर तीन लोगों की मौके पर जबकि एक की लखनऊ ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
- बल्देव ¨सह, सीओ सदर तीनों मृतक के परिवारों को जिला प्रशासन की तरफ से आर्थिक मदद की जाएगी। घायलों को मुआवजा दिलाया जाएगा। घटना की जांच कराई जा रही है।
- रामजी शर्मा, एसडीएम सदर