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साइकिल से बचा रहे ईंधन, पौधारोपण से पर्यावरण

जनपद में पर्यावरण संरक्षण परवान चढ़ रहा है। प्रशासनिक प्रयासों के अलावा जनपद की तीन प्रमुख संस्थाओं ने सामूहिक प्रयास शुरू किया है। सामाजिक संस्था पृथ्वी माई हाफ ट्री तथा हरित वसुंधरा नाम की संस्थाओं से जुड़े सौ से ज्यादा सदस्य तीन साल के भीतर करीब दस हजार पौधे लगा चुकें हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 12:57 AM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 12:57 AM (IST)
साइकिल से बचा रहे ईंधन, पौधारोपण से पर्यावरण
साइकिल से बचा रहे ईंधन, पौधारोपण से पर्यावरण

जेएनएन, शाहजहांपुर : जनपद में पर्यावरण संरक्षण परवान चढ़ रहा है। प्रशासनिक प्रयासों के अलावा जनपद की तीन प्रमुख संस्थाओं ने सामूहिक प्रयास शुरू किया है। सामाजिक संस्था पृथ्वी, माई हाफ ट्री तथा हरित वसुंधरा नाम की संस्थाओं से जुड़े सौ से ज्यादा सदस्य तीन साल के भीतर करीब दस हजार पौधे लगा चुकें हैं। पृथ्वी संस्था ने अकेले ही डेढ़ लाख तुलसी की पौध वितरण का रिकार्ड बनाया। तीन माह पूर्व पर्यावरण को वायु प्रदूषण से बचाने के लिए साइकिल क्लब का गठन किया गया है। क्लब से जुड़े करीब तीस युवा प्रत्येक रविवार को 40 किमी साइकिल चलाकर पर्यावरण जागरूकता व ईंधन बचत का संदेश दे रहे हैं। इस दिन घरेलू कामकाज में वाहनों का प्रयोग भी नहीं किया जाता। जल प्रदूषण रोकने के लिए नदियों के घाटों की सफाई का भी अभियान शुरू किया गया।

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इस तरह बना कारवां

कैबिनेट मंत्री व नगर विधायक सुरेश खन्ना ने दो दशक पूर्व क्लीन सिटी ग्रीन सिटी का नाराज दिया था। इसके लिए उन्होंने पौधरोपण अभियान भी चलाया। प्रशासनिक स्तर पर भी पौधरोपण के लिए लोगों को प्रेरित किया गया। पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रही पृथ्वी संस्था के संस्थापक विकास खुराना ने अभियान चलाकर डेढ़ लाख तुलसी पौध का वितरण किया। ओसीएफ में काम करने वाले आशीष भारद्वाज ने माई हाफ ट्री संस्था के माध्यम से आदमकद पौध लगाने का अभियान शुरू किया। दोनों को बड़ी सराहना मिली। इसी दौरान हरित वसुंधरा ने पौधरोपण के साथ बंदरों समेत पशु पक्षियों का उपचार भी शुरू किया है। अब तीनों संस्थाओं ने संयुक्त प्रयास से पर्यावरण संरक्षा को गति देनी शुरू कर दी है।

चर्चा में रहे यह अभियान

पृथ्वी संस्था ने फूलों के विश्वनाथ, फूलो के भगवान, लक्ष्मीनारायण, ग्रीन शाहजहांपुर, नदी बचाओे - सभ्यता बचाओ जैसे इवेंट्स शुरू किए। शहर के अनेक मंदिरों में फुलवरिया स्थापित की गईं। पीपल घाट जैसे सांस्कृतिक नदी तटों की सफाई कराई गई। हवा,पानी, प्रदूषक तत्वों की जांच प्रमुख है।

एनजीटी में दायर की याचिका

नदियों में अवैध खनन को लेकर पृथ्वी संस्था ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में वाद पंजीकृत कराया है। जिसकी सुनवाई मुख्य पीठ में चल रही है। अध्यक्ष डॉ विकास खुराना, सचिव संदीप अवस्थी तथा शोध इकाई के निदेशक डॉ आलोक सिंह व डॉ अनिल सिंह अद्यतन प्रदूषण का परीक्षण कर जनमानस को जागरूक करते है।

नदियों के किनारे लगाए गए 3.88 लाख पौधे

नामामि गंगे योजना के तहत वन विभाग ने विविध संस्थाओं के सहयोग से नदियों के किनारे में 3.88 लाख पौधे लगाए हैं। इनमें शीशम, जामुन, अर्जुन, गुटैल, कंजी, बांस, आंवला, सागौर, अमरुद प्रमुख पौधे हैं।

नदी व नालों के जल का कराया परीक्षण

वन विभाग के प्रोत्साहन पर विविध संस्थाओं की ओर से नदी के साथ नालों व जल स्त्रोतों का भी परीक्षण कराया गया। अभी तक सकारात्मक परिणाम सामने आए है। शहर के सभी नाले निर्धारित मानक से बेहतर स्थिति के पाए गए है। जो कि पर्यावरण संरक्षण का बेहतर संदेश है।

पशु पक्षियों ने भी पर्यावरण संरक्षण पर लगाई मुहर

जनपद में प्रतिवर्ष सारस की गणना होती है। इस वर्ष सारस की संख्या में करीब 300 की वृद्धि हुई है। हिरन समेत अन्य पशु पक्षी भी बढ़े हैं। नदियों में मछलियां व कछुओं का बेहतर जीवन पाया गया तो कि उत्कृष्ट पर्यावरण सरंक्षण का संदेश है।


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