सरपंच की बेटी ने चंडीगढ़ में जमाई धाक
शाहजहांपुर : राइफल पकड़ना तो दूर, वह गोलियों की आवाज से भी दूर भागती थी।
शाहजहांपुर : राइफल पकड़ना तो दूर, वह गोलियों की आवाज से भी दूर भागती थी। कभी सोचा न था गोलियों की यही गूंज उसके करियर की दिशा तय करेगी। यह है अनुपम सिंह। जिले के एक छोटे से गांव के सरपंच की बेटी ने चंडीगढ़ में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अपनी काबिलियत की धाक जमाई। चंद अंकों के फासले से वह पदक से चूकी। चौथा स्थान मिला, लेकिन मेहनत और लगन को सराहना मिली। अब यह बहादुर बेटी राष्ट्रीय टीम में चयन के लिए तैयारी में जुटी है।
विकासखंड भावलखेड़ा के कुरसंडा निवासी सरपंच शिवपाल ¨सह की बेटी अनुपम गांधी फैज कॉलेज की एनसीसी कैडेट हैं। गोलियों की आवाज से डर लगता था, इसलिए हथियारों से दूर रहती थी। कॉलेज में प्रवेश लेने के बाद कुछ साथियों ने एनसीसी ज्वाइन करने की सलाह दी तो झट से मान गई। लेकिन जब 25 यूपी बटालियन में कैंप लगा तो यहां फाय¨रग रेंज पर अनुपम को जाने का मौका मिला। यहां गोली की आवाज सुनकर पहले तो अनुपम काफी डर गई लेकिन प्रशिक्षण देने वाले सेना के जवानों ने उनका निडर होकर अभ्यास करने के लिए हौसला बढ़ाया। इसके बाद अनुपम का आत्मविश्वास इस कदर बढ़ गया कि कैंप में सबसे बेहतर रायफल चलाने वाली कैडेट बन गई। एक के बाद एक तमाम बाधाएं पार करते हुए बरेली में आयोजित कैंप के लिए भी स्थान बना लिया।
हासिल की यह उपलब्धियां
14 मई को बरेली में लगे कैंप में अनुपम ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। छह जून को फतेहगढ़ में हुई प्रतियोगिता में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए उप्र की टीम में स्थान सुनिश्चित कर लिया। यूपी टीम की तरफ से चंडीगढ़ में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी अनुपम ने हिस्सा लिया। हालांकि महज एक कदम से राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने से चूक गईं, लेकिन यहां मिले 15 राउंड में कई अचूक निशाने लगाकर चौथा स्थान हासिल कर न सिर्फ प्रदेश का मान बढ़ाया, बल्कि वहां मौजूद निशानेबाजी के दिग्गजों का भी ध्यान अपनी ओर खींचा।
छोटे से गांव से नेशनल तक का सफर तय करने वाली अनुपम की उपलब्धि पर जीएफ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जमील अहमद, मेजर एनयू खान, क्रीड़ा अधिकारी डॉ. फैयाज अहमद सहित तमाम लोगों ने हर्ष व्यक्त किया।
प्रशिक्षण के लिए प्रतिदिन तय की 16 किमी की दूरी
कुरसंडा से 25 यूपी बटालियन की दूरी आठ किमी है। प्रतिदिन गांव से आकर फाय¨रग रेंज पर अनुपम ने शू¨टग की बरीकियां सीखी। उन्होंने बताया कि जीएफ कॉलेज के एनसीसी इंचार्ज मेजर एनयू खान ने उनका हर कदम पर साथ दिया।