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पुल निर्माण के लिए तीसरी बार भूख हड़ताल पर बैठे संत

फरीदाबाद मंदिर के पुजारी व हनुमान उपासक संत शांतिदास महाराज रामगंगा नदी के हैदलपुर घाट पर पुल निर्माण के लिए तीसरी बार अनशन पर बैठ गए है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 11:35 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jan 2020 06:05 AM (IST)
पुल निर्माण के लिए तीसरी बार भूख हड़ताल पर बैठे संत
पुल निर्माण के लिए तीसरी बार भूख हड़ताल पर बैठे संत

जेएनएन, जलालाबाद, शाहजहांपुर : फरीदाबाद मंदिर के पुजारी व हनुमान उपासक संत शांतिदास महाराज रामगंगा नदी के हैदलपुर घाट पर पुल निर्माण के लिए तीसरी बार अनशन पर बैठ गए है। संत शांतिदास के साथ तीन अन्य संतों ने भी भूख हड़ताल का एलान कर दिया है। ग्रामीणों ने भी गुरुवार को अनशन के साथ आंदोलन का समर्थन किया।

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मई 2018 में संत शांतिदास ने रामगंगा के हैदलपुर घाट पर पुल निर्माण मांग के लिए अनशन शुरू किया गया था। तब कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने हैदलपुर घाट पर पुल निर्माण का भरोसा दिलाकर अनशन खत्म कराया था। मांग पूरी न होने पर शांति दास ने एक फरवरी 2019 को आमरण अनशन शुरू कर दिया। सात फरवरी को तत्कालीन डीएम अमृत त्रिपाठी ने अनशन खत्म कराकर पुल मंजूरी का भरोसा दिलाया। मार्च में पुल को मंजूरी मिल गई। दस मार्च 2019 को कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने पुल का शिलान्यास कर दिया।

टेंडर के बावजूद पुल निर्माण अटका

शासन ने रामगंगा पर पैंटून पुल के लिए 31.2 करोड़ की धनराशि भी मंजूर की। निर्माण के लिए टेंडर भी हो चुका है। लेकिन ठेकेदार ने अभी तक निर्माण शुरू नहीं कराया। शांतिदास ने इस बावत जलालाबाद एसडीएम को ज्ञापन भी दिया, इसके बावजूद कार्य शुरू नहीं किया गया। नतीजतन संत शांतिदास ने फिर से पुल निर्माण के लिए अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। गुरुवार को भूख हड़ताल के दौरान उन्होंने एलान कर दिया कि पुल निर्माण तक हड़ताल खत्म नहीं होगी। शांतिदास महाराज के साथ बाबा रामसरनदास, बाबा राजेंद्र दास, बाबा राहुलदास भी अनशन पर बैठ गए हैं।

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इन गांवों के लोग भी समर्थन में

संत शांतिदास के आंदोलन में फरीदापुर, टापर, कुन्डरा, मगटोरा, पेहना, समैचीपुर, काजरबोझी, रामपुर, हथिनापुर, बलदेवपुर, शेरपुर, शाहपुर, उम्मरपुर, कहारगौटिया, जाटवगौटिया, नौगवा, भुलभुलागंज, मझरेता, रपरामगटोरा, कोना, मझोला, बरूआ, समसीपुर, इस्लामनगर, कुईरी, गडरगौटिया, धियरई, निचुकपुर, हैदलपुर, परौर, मंझा, दहिलिया, कादराबाद, जटिउरा, कुनिया, कुडरी, कौमी, कुवेरपुर, ककौड़ा, गहबरा, सुनारा, बसई, बल्लिया, हरदवारा, मोहनपुर, नरायननगरा, बरखीमई, कुआडांडा आदि गांव के लोग भी समर्थन में आ गए हैं।


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