Move to Jagran APP

न्बोले सुखवीर, शहीद हो जाऊं गम नहीं, भाई की शहादत का बदला जरूर लूंगा

पिछले 36 घंटे सुखवीर सिंह के जीवन के अब तक के सबसे मुश्किल समय में से रहे। सारज को खोने का जितना गम है। उससे कहीं अधिक उनके अंदर आक्रोश भी है। वह जल्द से जल्द अपनी ड्यूटी पर वापस जाना चाहते हैं। उनका कहना है कि भाई गुरप्रीत के साथ मिलकर जब तक आतंकियों को मौत के घाट नहीं उतारते उन्हें चैन नहीं मिलेगा। बोले हम दो भाई बचे हैं सारज की मौत का बदला जरूर लेंगे

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 01:33 AM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 01:33 AM (IST)
न्बोले सुखवीर, शहीद हो जाऊं गम नहीं, भाई की शहादत का बदला जरूर लूंगा
न्बोले सुखवीर, शहीद हो जाऊं गम नहीं, भाई की शहादत का बदला जरूर लूंगा

जेएनएन, शाहजहांपुर : पिछले 36 घंटे सुखवीर सिंह के जीवन के अब तक के सबसे मुश्किल समय में से रहे। सारज को खोने का जितना गम है। उससे कहीं अधिक उनके अंदर आक्रोश भी है। वह जल्द से जल्द अपनी ड्यूटी पर वापस जाना चाहते हैं। उनका कहना है कि भाई गुरप्रीत के साथ मिलकर जब तक आतंकियों को मौत के घाट नहीं उतारते उन्हें चैन नहीं मिलेगा। बोले हम दो भाई बचे हैं, सारज की मौत का बदला जरूर लेंगे। ज्यादा से ज्यादा आतंकियों को मारेंगे। जब तक ऐसा नहीं कर लेते उन्हें चैन नहीं पड़ेगा। सरकार आदेश कर दे तो ढूंढ-ढूंढकर आतंकियों को मारेंगे। बोले, भाई की शहादत के बाद अब जुनून और बढ़ गया है। ऐसा करते हुए वह शहीद हो भी जाएं तो उन्हें गम नहीं। उनका देश की रक्षा के लिए जुनून और बढ़ गया। बस इंतजार है जल्द से जल्द सीमा पर पहुंचें। जवान शहीद होने से नहीं डरते..

loksabha election banner

जम्मू में अलग-अलग स्थानों पर आतंकियों के साथ चल रही मुठभेड़ व आतंकियों के मारे जाने के सवाल पर सुखवीर ने कहा कि उन्हें मालूम है कि फौजी की जान कभी भी जा सकती है। इसलिए बलिदान होने से नहीं डरते। सैनिक शहीद होता है, लेकिन आतंकी जब मारे जाते हैं कहते हैं कि उन्हें जन्नत मिली है। जबकि सैनिक के परिवार में सबकुछ खत्म हो जाता है। परिवार का एक सदस्य हमेशा के लिए दूर चला जाता है। उसके माता पिता, पत्नी व बच्चों का सहारा छिन जाता है। मदद होती है, लेकिन जो कमी हो जाती है उसे कोई पूरा नहीं कर पाता। हर बार मना किया, पर माना नहीं

सुखवीर ने बताया कि सारज बचपन से कहते थे कि वह सेना में जाएंगे। जब वह और गुरप्रीत सेना में भर्ती हुए तो उसने भी तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने कई बार मना किया, लेकिन सारज नहीं माने। कहा कि माता पिता के पास रहकर खेतीबाड़ी देखो, पर वह नहीं सुनते। सुखवीर से कहते भाई आपके ऊपर जितनी वर्दी अच्छी लगती है उससे ज्यादा उनके ऊपर अच्छी लगेगी। बोले सारज जितने शरारती थे, उतने ही अपने लक्ष्य को पाने का जुनून उनके अंदर था। उनकी जिद देख घरवालों को भी झुकना पड़ा और सारज भी सेना में भर्ती हो गए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.