हादसों ने लगाया खुशियों को ग्रहण
शाहजहांपुर : सड़क हादसे ने न सिर्फ दो परिवारों से साया छीन लिया। उनकी खुशियों पर ग्रहण लगा दिया। मेहन
शाहजहांपुर : सड़क हादसे ने न सिर्फ दो परिवारों से साया छीन लिया। उनकी खुशियों पर ग्रहण लगा दिया। मेहनत मजदूरी कर पाई-पाई जोड़ने वाले सियाराम दूसरी बेटी के हाथ पीले करने की हसरत पूरी नहीं कर सके। तो वहीं अमरीक ¨सह से पहले उनके घर में हादसे की खबर पहुंची। हालत गंभीर होने के कारण वह बेटे की बरात में शामिल नहीं हो सकेंगे। इन घटनाओं से दोनों परिवारों में कोहराम मचा हुआ है। अब कैसे होगा बहन का ब्याह
सियाराम की बेटी नन्ही देवी की 11 जुलाई को शादी होनी है। उसी के कार्ड बांटने वह अपने बहनोई के साथ निकले थे। दोनों रात में गांव ही रुके। सुबह घर के लिए चल दिये, लेकिन रास्ते में यह हादसा हो गया। सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुंच गए। सियाराम के बेटे रघुवीर ने बताया कि पिता के पास तीन बीघा पट्टे की जमीन थी, लेकिन पर्याप्त न होने के कारण वह मजदूरी भी करते थे। छह वर्ष पूर्व बड़ी बहन कृष्णा की शादी की। पिता की मौत के बाद अब पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसके ऊपर आ गई है। घर में मचा कोहराम
हादसे में घायल सीतापुर निवासी अमरीक ¨सह मकसूदापुर स्थित एक फार्म पर नौकरी करते हैं। सोमवार को उसके बेटे सुशील की बरात थी। पहले छुट्टी नहीं मिल सकी, इसलिए सुबह घर जाने के लिए निकले, लेकिन रास्ते में ही हादसा हो गया। सूचना मिलते ही घर में कोहराम मच गया। नाते-रिश्तेदार यहां के लिए चल दिये। हादसे में तीसरे घायल रामदास बंडा की राइस मिल में मुनीम हैं। वह ड्यूटी पर जा रहे थे।