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पढ़िए, हाथ में झाड़ू थाम कैसे अपने शहर को बदल रहे है यह नौजवान

यह हैं अपने मुहल्ले, शहर को पूर्ण स्वच्छ बनाने के संकल्प से निकले लोग। इन्हें एक सूत्र में, एक मकसद में पिरोया है राष्ट्र प्रहरी प्रज्ञा ग्रुप और उसके संयोजक पवन गुप्ता ने।

By Ashish MishraEdited By: Published: Fri, 28 Sep 2018 02:01 PM (IST)Updated: Mon, 01 Oct 2018 07:25 AM (IST)
पढ़िए, हाथ में झाड़ू थाम कैसे अपने शहर को बदल रहे है यह नौजवान
पढ़िए, हाथ में झाड़ू थाम कैसे अपने शहर को बदल रहे है यह नौजवान

शाहजहांपुर(जेएनएन)। अच्छे इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, डिग्री कॉलेज के छात्र के हाथ में झाड़ू। प्रतिष्ठित व्यापारी के हाथ में झाड़ू। धर्म, वेद, आध्यात्म के साधक के हाथ में कूड़े से भरा तसला। न यह किसी विशेष अवसर की स्थिति है और न ही कार्यक्रम की। यह हैं अपने मुहल्ले, शहर को पूर्ण स्वच्छ बनाने के संकल्प से निकले लोग। इन्हें एक सूत्र में, एक मकसद में पिरोया है राष्ट्र प्रहरी प्रज्ञा ग्रुप और उसके संयोजक पवन गुप्ता ने।

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ऐसे हुई शुरुआत

इस मकसद की नींव पड़ी दो वर्ष पहले मई 2016 में पड़ी। गायत्री शक्ति पीठ के पास अक्सर गंदगी के ढेर लगा रहता था, जबकि सरकारी तंत्र स्वच्छता की बातें, अभियान के दावे करते थे। पवन गुप्ता ने अपने साथी ब्रजेश मौर्य, ध्रुव के साथ खुद सफाई शुरू की। कुछ लोग जुड़े और जुटे। फिर चल पड़ी एक अलख जगाने की सोच। हाथ में झाड़ू लेकर ग्रुप के सदस्य अलग-अलग मुहल्ले और क्षेत्र में जाकर अब न सिर्फ सफाई करते हैं बल्कि लोगों का इसके प्रति जागरूक भी कर रहे हैं।

आठ बजे शुरू होता अभियान

समूह का यह अभियान रोजाना सुबह आठ बजे शुरू होता है। दस बजे तक ये लोग इसी तरह स्वच्छता की अलख जलाते हैं। जहां कूड़े के ढेर देखते हैं वहां संबंधित सफाई नायक को बुुलाकर सफाई कराते हैं। प्रतिदिन एक वार्ड के लोगों की समस्याएं भी लिखते हैं। फॉर्म भरवाकर अधिकारियों तक पहुंचाते हैं।

कूड़ा डस्टबिन में न डालने पर हो अर्थदंड

पवन गुप्ता ने बताया कि सफाई न तो सरकारी काम है और न ही किसी एक की जिम्मेदारी। यह हम सबके दैनिक कार्य और दायित्व का हिस्सा होना चाहिए। मुहल्लों में समितियां बनें। सड़कों पर कूड़ा न डालें। थैले, कूड़ा, पुडिय़ा, पाउच आदि डस्टबिन में न डालने पर अर्थदंड का भी नियम बनाया जाए। खुद की प्रेरणा और कानून की शक्ति से ही शहर स्वच्छ बनेगा।

 

ऐसे बदल रहे शहर की सूरत

-समूह ने शहर को पांच जोन में बांटा। सभी में अपने प्रभारी बनाए हैं।

-जहां कूड़ा मिलता है वहां स्वयं सफाई करने के साथ ही संबंधित सफाई नायक को बुलाते हैं

-लोगों को पॉलीथिन प्रयोग न करने की शपथ दिलाते हैं

-जरूरी स्थानों पर कूड़ादान रखवाते हैं, लोगों को इसके प्रयोग के लिए प्रेरित किया जाता है 


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