फाइलों से बाहर नहीं निकल पायी मैलानी से फर्रुखाबाद रेल लाइन
सरकारें बदलीं सांसद बदले लेकिन फर्रुखाबाद से मैलानी तक रेल लाइन नहीं बिछ पायी।
जेएनएन, शाहजहांपुर : सरकारें बदलीं, सांसद बदले, लेकिन फर्रुखाबाद से मैलानी तक रेल लाइन नहीं बिछ पायी। सर्वे के बाद कभी बात बजट पर अटकी तो कभी मजबूती से पैरवी नहीं हो सकी। लोग हर बजट में उम्मीद बांधते रहे कि शायद इस बार मंजूरी मिल जाएगी, पर ऐसा हुआ नहीं। सीधे तीन जिलों को जोड़ने वाली रेल लाइन हर चुनाव में मुद्दा तो बनी, लेकिन नेताओं के वादों तक ही सीमित रही। इसके लिए प्रयास फाइलों तक ही सीमित रहे।
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होंगे कई लाभ
मैलानी से लेकर शाहजहांपुर व फर्रुखाबाद के बीच ट्रेन का सफर शुरू होने से लोगों को काफी राहत होगी। तीनों जिलों का सीधा संपर्क जुड़ जाएगा। सड़क पर यातायात संसाधनों का बोझ कम होगा, लोगों के समय व रुपये की बचत तो होगी ही। इसके साथ ही प्रदूषण से भी काफी हद तक राहत मिलेगी।
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उठाया जा रहा मुद्दा
भारतीय उपभोक्ता संरक्षण मंच लगातार इस मुद्दे को उठा रहा है। मंच के एनसी सक्सेना ने कई बार जिले के सांसदों को ज्ञापन भी दिये। उन्होंने दिल्ली में जाकर भी मंत्रियों से मुलाकात की। दो दिन पहले भाजपा के नेताओं को मांग पत्र देकर क्षेत्र के विकास के लिए फर्रुखाबाद-शाहजहांपुर-मैलानी रेल लाइन को पार्टी के घोषणापत्र में शामिल करने की मांग की थी।
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व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
रेल लाइन बिछने से मालगाड़ियों का संचालन भी शुरू होगा। सिर्फ मैलानी, शाहजहांपुर या फर्रुखाबाद ही नहीं। लखीमपुर, एटा, कासगंज व इसके आसपास के लोगों के लिए इन जिलों में आना जाना और व्यापारियों के लिए व्यापार आसान हो जाएगा।
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प्रयास हों तो मिले राहत
बताया जाता है कि पहले पुवायां से खुटार तक रेल लाइन थी। रेलवे ट्रैक बंद होने के बाद उसकी जमीन पर कब्जे हो गये। रेलवे की शाहजहांपुर में भी काफी जमीन है। अगर जिले के सांसद स्तर से केंद्रीय स्तर पर प्रयास किये जाएं तो इस लाइन को शुरू कराया जा सकता है।
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- 90 किमी. दूर है शाहजहांपुर से फर्रुखाबाद
- 68 किमी. शाहजहांपुर से है मैलानी की दूरी
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ये हो सकती स्थिति :
- खुटार, पुवायां, सिधौली, कांट, जलालाबाद व अल्हागंज बन सकते स्टेशन
- इसके अलावा बीच में हाल्ट बनाकर भी क्षेत्रों को जोड़ा जा सकता है
- इस रेल लाइन के बनने से तीनों जिलों का आर्थिक व सामजिक विकास होगा।