प्रोजनी टीकाकरण का भुगतान मांगने पर अभद्रता
कृत्रिम गर्भाधान व टीकाकरण समेत गोवंश संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाने वाले पैरावेट सीवीओ के व्यवहार से आहत हैं।
- सीवीओ पर गाली-गलौज करने का आरोप, पैरावेट वर्कर ने कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन
- डीएम को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट को सौंप जांच कर कार्रवाई की मांग की
- पंद्रह सितंबर तक न्याय न मिलने पर धरना शुरू करने की चेतावनी
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : कृत्रिम गर्भाधान व टीकाकरण समेत गोवंश संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाने वाले पैरावेट सीवीओ के व्यवहार से आहत हैं। मंगलवार को जिला मुख्यालय पहुंचे दो दर्जन पैरावेट वर्कर्स ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर डीएम को संबोधित शिकायती पत्र नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा। जिसमें मुख्य पशु चिकित्साधिकारी पर गाली-गलौज करने का आरोप लगाते हुए जांच कर न्याय की मांग की।
पत्र में पैरावेट ने 27 अगस्त की घटना का जिक्र किया। कहा कि प्रोजनी टीकाकरण के बिल भुगतान की मांग को लेकर वे सीवीओ से मिले, लेकिन उन्होंने अभद्रता शुरू कर दी। बिल भुगतान न होने तथा पर 15 सितंबर से शुरू हो रहे राष्ट्रीय खुरपका, मुंहपका टीकारण कार्य में असमर्थता जताई गई तो सीवीओ ने एफआइआर दर्ज कराकर जेल भेजने की धमकी दी। पैरावेट ने पत्र में कहा कि यदि 15 सितंबर तक न्याय न मिला तो धरना प्रदर्शन भी शुरू कर दिया जाएगा। प्रदर्शन व ज्ञापन देने वालों में राजकुमार, नन्हें, नरेंद्र कुमार, मिथलेश कुमार, सुरेंद्र सिंह, प्रमोद कुमार, रमेश चंद्र, अनुपम वाजपेयी आदि पैरावेट शामिल थे।
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फोटो 3 एसएचएन 6
तीन साल से नियमित भुगतान नहीं मिल रहा है। ब्लाक का करीब 76 हजार का बिल बकाया है। सीवीओ बात सुनने के बजाय दुर्व्यहार करते हैं।
मिथलेश सिंह, बंडा
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फोटो 3 एसएचएन 5
कृत्रिम गर्भाधान में पैरावेट की अहम भूमिका है, लेकिन प्रोजनी बिल भुगतान में आनाकानी की जाती है। कलान में ढाई लाख का बिल लंबित है।
प्रमोद कुमार - कलान
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फोटो 3 एसएचएन 15
हमारा तीन साल को प्रोजनी बिल का भुगतान नहीं मिला। शिकायत करने पर जानबूझकर फर्जी रिपोर्ट भेज दी गई। सीवीओ मदद के बजाय गालीगलौज से बात करते हैं।
रमेश चंद्र गुप्ता- सिधौली
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फोटो 3 एसएचएन 16
पैरावेट की विभाग उपेक्षा कर रहा है। प्रशिक्षण में भी उन्हें उचित भागीदारी नहीं दी गई। बिल भुगतान जानबूझकर लटकाए जाते हैं।
अनुपम वाजपेयी - पुवायां
---------------------- फोटो - 3 एसएएचन 34 पैरावेट का कोई भी बिल भुगतान को लंबित नहीं है। गालीगलौज का आरोप गलत है। पैरावेट अपेक्षित काम नहीं करते, इसके लिए उन्हें समझाया गया था।
डा. आरबी सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी