खेल व खिलाड़ियों से हुआ खिलवाड़
जिले में खेल की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। खेल दिवस पर खिलाड़ियों के साथ खिलवाड़ हुआ।
जेएनएन, शाहजहांपुर : जिले में खेल की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। इस बार खेल दिवस पर 19 विद्यालयों को खेल प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए पत्र भेजा गया था। जिसमें महज तीन विद्यालयों की टीमें स्पोर्ट्स स्टेडियम हथौड़ा पहुंची। जिला क्रीड़ा अधिकारी ने तीनों टीमों के बीच हॉकी की प्रतियोगिता कराकर औपचारिकता पूरी की।
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मायूस हुए सीनियर खिलाड़ी
जिले के तमाम सीनियर खिलाड़ी भी खेल प्रतियोगिताएं देखने स्टेडियम पहुंचे थे, लेकिन काफी देर तक जब खेल शुरू नहीं हुए और स्टेडियम में खिलाड़ी भी नाम मात्र होने की वजह से सीनियर खिलाड़ी मायूस होकर वापस चले गए।
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स्कूलों में भी उड़ाया मखौल
खेल के नाम पर माध्यमिक व बेसिक विद्यालयों में भी महज खानापूíत हुई। स्वामी धर्मानंद सरस्वती इंटर कॉलेज में कबड्डी की प्रतियोगिता कराई। इसके अलावा कुछ स्कूलों में एक-दो खेल और कराए गए। जबकि अन्य विद्यालयों में खेल के नाम पर महज खिलवाड़ ही हुए।
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दोपहर बाद शुरू हुई प्रतियोगिता
खिलाड़ी गुरुवार सुबह ही स्पोर्ट्स स्टेडियम हथौड़ा पहुंच गए थे, लेकिन प्रतियोगिता दोपहर बाद करीब डेढ़ बजे शुरू हो चुकी। खिलाड़ियों के लिए खाने की भी व्यवस्था नहीं की गई।
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खिलाड़ियों की हुई नोकझोंक
जलालाबाद व हथौड़ा की टीम भी स्टेडियम पहुंची थी, लेकिन जिला क्रीड़ा अधिकारी ने आयु अधिक बताकर दोनों टीमें के खिलाड़ियों को वापस कर दिया गया। काफी देर तक खिलाड़ियों की नोकझोंक भी हुई।
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पहले दिन नहीं हुए प्रतियोगिताएं
खेल दिवस को लेकर 28 व 29 अगस्त को प्रतियोगिताएं होनी थी। 28 अगस्त को जलालाबाद, इस्लामियां,
ओसीएफ इंटर कॉलेज, रेलवे इंटर कॉलेज, ग्लेरिग पब्लिक स्कूल, पूर्व माध्यमिक विद्यालय हथौड़ा आदि की टीमें पहुंची, लेकिन टीमों को यह कहते हुए वापस कर दिया कि प्रतियोगिता 29 अगस्त को होगी।
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वर्जन
विद्यालयों को प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए कई दिन पहले ही पत्र भेजे गए थे। जो टीमें आई थीं, उन्हें प्रतियोगिता में नियमानुसार ही शामिल किया गया। जो खिलाड़ी 14 साल आयु से ज्यादा थे उन्हें बाहर किया गया।
- जितेंद्र भगत, जिला क्रीड़ा अधिकारी
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कोच व खिलाड़ियों से बातचीत
खेल विभाग की ओर से विद्यालय में पत्र भेजा गया था। इसके खिलाड़ियों को लेकर स्टेडियम पहुंचे, लेकिन आयु अधिक बताकर खिलाड़ियों को प्रतियोगिता से बाहर कर दिया। यदि एक-दो खिलाड़ियों की आयु अधिक थी तो उन्हें निकालना चाहिए था न कि पूरी टीम को।
शकील, खेल प्रशिक्षक काकोरी शहीद इंटर कॉलेज जलालाबाद काफी दिनों से हॉकी प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे थे, लेकिन आयु सीमा का हवाला देते हुए प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया गया। वैसे भी खेलों की स्थिति काफी खराब है। जो खिलाड़ी खेलना चाहता है, उन्हें या तो संसाधन मुहैया नहीं कराए जाते हैं या फिर नियमों का हवाला देकर टीम से बाहर कर दिया जाता है।
पुनीत, हॉकी खिलाड़ी 28 अगस्त को भी स्टेडियम में अभ्यास किया था। तब किसी ने आयु सीमा की बात नहीं बताई, लेकिन गुरुवार को जब प्रतियोगिता शुरू हुई तो टीम से बाहर कर दिया गया। इस तरह का रवैया खिलाड़ियों के साथ उचित नहीं है।
अंकित, हॉकी खिलाड़ी खेल दिवस पर सभी खिलाड़ियों के लिए प्रतियोगिताएं करानी चाहिए। महज 14 साल के खिलाड़ियों के लिए ही प्रतियोगिता कराया जाना सरासर गलत है। इससे अन्य खिलाड़ियों का मनोबल कम होता है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
साधन राज, खिलाड़ी