शहर में तेंदुआ, गांव में बाघ की दहशत
शहर से गांव तक तेंदुआ और बाघ की दहशत है। बाघ ने दो दिन पहले ही झपट्टा मारकर किसान को घायल किया था।
जेएनएन, शाहजहांपुर : शहर से गांव तक तेंदुआ और बाघ की दहशत है। बाघ ने दो दिन पहले ही एक मजदूर को झपट्टा मारकर घायल कर दिया था। वहीं वन विभाग व डब्ल्यूटीआइ की टीम पूरी तरह से दोनों जानवरों को पकड़ने में नाकाम है।
छावनी क्षेत्र के जंगल में एक जुलाई को तेंदुआ देखा गया था। इसके बाद वन विभाग व दुधवा नेशनल पार्क की डब्ल्यूटीआइ की टीम तेंदुआ को पकड़ने के लिए लगाई गई थी। लेकिन तेंदुआ पकड़ से दूर है। इसके अलावा निगोही क्षेत्र के कई गांवों में ग्रामीण तेंदुआ देखे जाने की बात वन विभाग के अधिकारियों को बता चुके है। जहां टीम औपचारिकता पूरी कर वापस आ गई थी। जिस वजह से क्षेत्र में लगातार दहशत बरकरार है।
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तेंदुआ पकड़ने के लिए लगाए गए आठ कर्मचारी
छावनी क्षेत्र के जंगल में आठ कर्मचारियों को तेंदुआ पकड़ने के लिए लगाया गया है। जिसमे छह डब्ल्यूटीआइ और दो वन विभाग के कर्मचारी शामिल है। जो एक माह से अधिक समय से सिर्फ इसी काम में डटे है।
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बकरे से खेलकर वापस चला गया तेंदुआ
डब्ल्यूटीआइ की टीम ने सोमवार को जब कैमरे की फुटेज देखी तो तेंदुआ पिजरा के पास बंधे बकरे के साथ काफी देर तक खेलता रहा। इसके बाद वापस जंगल में घुस गया।
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तीन दिन बाद भी नहीं पहुंची टीम
खुटार : मजदूर पर बाघ के जानलेवा हमले के बाद भी वन विभाग की टीम ने मौके पर जाना उचित नहीं समझा। जिस वजह से लगातार ग्रामीणों में दहशत बनी हुई है। लखीमपुर खीरी क्षेत्र व खुटार सीमा से सटे गांव मुकुंदापुर में रविवार को बाघ ने मजदूर मनोज पर जानलेवा हमला किया था। साथी मजदूरों ने बमुश्किल मनोज की जान बचाई थी। तीन दिन बीतने के बाद भी वन विभाग की टीम ने मौके पर जाना उचित नहीं समझा।