अपराधियों के लिए मुफीद है पलिया से नेपाल रूट
शाहजहांपुर से पलिया होकर नेपाल जाने वाला रूट अपराधियों के लिए सुरक्षित रास्ता है।
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर :
शाहजहांपुर से पलिया होकर नेपाल जाने वाला रूट अपराधियों के लिए सबसे सुरक्षित है। इसका सबसे बड़ा कारण बार्डर की कम दूरी व सही से चेकिग न होना है। जिस कारण कोई भी बेरोकटोक इस रूट से नेपाल आ व जा सकता है।
दिल्ली व लखनऊ रूट पर शाहजहांपुर सड़क व रेल के मुख्य मार्ग पर पड़ता है। यहां से पुवायां, खुटार होते हुए पलिया से नेपाल जाने का सीधा रास्ता है। अगर दूरी की बात करें तो नेपाल बार्डर यानी गौरीफंटा तक यहां से कुल दूरी लगभग लगभग 133 किमी. है। चौबीसों घंटे इस रूट पर वाहन चलते हैं। बसों का अवागमन रहता है। जिनकी चेकिग के नाम पर खानापूरी होती है। ऐसे में किसी भी वारदात को अंजाम देकर लखनऊ या दिल्ली के बीच से कोई भी अपराधी सीधे शाहजहांपुर आकर इस रूट से नेपाल भाग सकता है।
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नहीं शुरू हुआ टोल प्लाजा
इस रूट पर खुटार के मुरादपुर के पास पिछले दिनों टोल प्लाजा बना है, लेकिन शुरू नहीं हुआ है। जिस कारण आने जाने वाले वाहनों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकती। दिन के समय चेकिग भी दोपहिया वाहनों की ज्यादा होती है। रात में पुलिस ट्रकों या ओवरलोड वाहनों से वसूली तक पुलिस सीमित रहती है।
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समय से सूचना मिलती तो शायद पकड़े जाते आरोपित
माना जा रहा है कि अगर एसटीएफ का समय रहते क्राइम ब्रांच से संपर्क हो जाता तो शायद हत्यारोपितों को पकड़ने में आसानी रहती। अगर वे रात में ही जिले से बाहर गए भी हैं तो यहां की सीमा से बाहर निकलने में उनको कम से कम एक घंटे का समय लगा होगा। इस बीच अगर क्राइम ब्रांच व पुलिस सक्रिय होकर चेकिग शुरू कर देती तो हत्यारोपित पकड़े जा सकते थे, पर जब तक सूचना मिली तब तक देर हो चुकी थी।
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बताया जा रहा है कि खुटार में रात 12 बजे चूड़ी वाली गली स्थित एक धाíमक स्थल में कुछ लोग एक कार से आए थे। इस बीच किसी ने एसपी को सूचना दे दी। एसपी ने सीओ पुवायां को फोन किया तो सीओ ने एसओ को जानकारी दी। आनन फानन में वहां पर टीम पहुंच गई। जानकारी करने पर पता चला कि वे लोग किसी धाíमक आयोजन से वापस आए हैं। जिसके बाद पुलिस वहां से वापस चली गई।