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प्रदूषण से दम तोड़ रहा पालनहार तालाब

जिस तालाब को शहर की धड़कन असंख्य जीवों का पालनहार जैव विविधता का पर्याय माना जाता था वह अंतिम सांसे गिन रहा है। जिला पंचायत व प्रशासन की उपेक्षा व बेरुखी से तालाब का आस्तित्व संकट में है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Apr 2021 12:16 AM (IST)Updated: Mon, 05 Apr 2021 12:16 AM (IST)
प्रदूषण से दम तोड़ रहा पालनहार तालाब
प्रदूषण से दम तोड़ रहा पालनहार तालाब

जेएनएन, अल्हागंज, शाहजहांपुर : जिस तालाब को शहर की धड़कन, असंख्य जीवों का पालनहार जैव विविधता का पर्याय माना जाता था, वह अंतिम सांसे गिन रहा है। जिला पंचायत व प्रशासन की उपेक्षा व बेरुखी से तालाब का आस्तित्व संकट में है।

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अतीत में झांकने पर हाईवे स्थित तालाब सुखद अनुभूति कराता है। दरअसल दो दशक पूर्व तक तालाब में लबालब पानी भरा रहता था। सुबह की किरण के साथ यहां असंख्य जीव कलरव करते थे। सफेद कमल के फूल बत्तखों के दर्•ानों झुंड राहगीरों को आकर्षित करते थे। लोग तालाब किनारे बरबस ही रुक जाते थे। सावन माह में भुजरियों को तालाब में सिरवाने की होड़ रहती थी। अब स्थिति एकदम विपरीत है। तालाब प्रदूषण के कारण जिदगी की जंग लड़ रहा है। घरों के गंदे पानी ने तालाब का सुंदरीकरण समाप्त कर दिया। गंदगी से उठती दुर्गंध से लोगों का निकलना दूभर हो गया है। तालाब में घुलनशील आक्सीजन अति न्यून हो गई है। इस कारण तालाब से मछलिया व कछुआ समेत जीव-जंतु गायब है।

शिकायत पर भी नहीं जागा प्रशासन

कस्बा निवासी अमित वाजपेयी, विपिन गुप्ता, सुमित गुप्ता, सुरजीत सिंह ने तालाब की सफाई के लिए कई बार डीएम को चिट्ठी लिखी। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी से पुनर्जीवन की मांग की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।

पैमाइश से कर ली इतिश्री

जिला प्रशासन ने शिकायत पर तालाब की पैमाइश कराई। दर्•ानों लोगों का तालाब पर अतिक्रमण पाया गया। नोटिस देकर मकानों पर लाल निशान भी लगाए, लेकिन अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की। नतीजतन तालाब को न तो जीवन ही मिल सका और न ही पुरातन आकार।

आग बुझाने में दमकल का मददगार था तालाब

क्षेत्र में आग लगने पर यह तालाब दमकल यूनिट का मददगार था, लेकिन अब इसमें पानी ही नहीं है। कीचड़ और घास से तालाब पटा है।

वर्जन

तहसील में 612 तालाब हैं। इनमें सात पर अतिक्रमण है। अल्हागंज के तालाब पर अतिक्रमण का मामला हाईकोर्ट में है। तालाबों को नया जीवन देने के लिए प्रशासन प्रयासरत हैं। दो तालाबों को मिशन शक्ति के तहत गोद लेकर बेटियों का नाम दिया है। प्रत्येक गांव में एक तालाब को दमकल का सहयोगी बनाने के लिए चुना गया है, जो पानी से भरा जाएगा।

सौरभ भट्ट, एसडीएम जलालाबाद


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