बुजुर्ग किसान की मौत, पुलिस की दहशत का आरोप
मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस आरोपित बुजुर्ग किसान को पकड़ने लिये दबिश देने गई।
जेएनएन, शाहजहांपुर : बैंक से फर्जी क्राप लोन निकालने के मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस आरोपित बुजुर्ग किसान को पकड़ने लिये दबिश देने गई। आरोप है कि इससे बुजुर्ग सदमे में आ गया और उसकी मौत हो गई। हालांकि पुलिस दबिश देने की बात से इन्कार कर रही है। परिजनों ने पोस्टमार्टम कराये बिना शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
क्षेत्र के गांव ढका घनश्यामपुर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा से वर्ष 2015 में 29 किसानों का एक करोड़ 32 लाख रुपये का लोन कराया गया था। शक होने पर बैंक मैनेजर ने सभी किसानों से कागजातों की जांच कराई गई। जिसमें सभी किसानों पर पहले से क्राप लोन था, लेकिन इन सभी लोगों ने तीन वकीलों और कुछ दलालों के माध्यम से बैंक को धोखे में रखते हुए फिर से लोन स्वीकृत कराया था। इस मामले में अशोक कुमार ने 29 किसान और तीन वकीलों के खिलाफ बीती चार फरवरी को मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने इस मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। क्षेत्र के गांव दिउहना निवासी 65 वर्षीय रामस्वरूप भी इन आरोपितों में शामिल थे। उन्होंने 15 मई 2015 को चार लाख 20 हजार रुपये का लोन कराया था। जब बीते चार नवंबर को पुलिस ने रामस्वरूप को गिरफ्तार करने के लिये दबिश दी तो उनको मुकदमा दर्ज होने के बारे में जानकारी हुई। रामस्वरूप की पत्नी सुखरानी का आरोप है कि दबिश के बाद से ही उसके पति दहशत में आ गये। उनकी दो दिन पहले ज्यादा हालत बिगड़ गई और शुक्रवार को उनकी मौत हो गई।
सुखरानी ने बताया कि उसके पति के नाम चार एकड़ जमीन थी। एक दलाल ने कर्ज दिलवाने के बाद छूट दिलवाने के नाम पर 30 प्रतिशत कमीशन कहकर बैंक के फील्ड ऑफिसर और मैजेनर से बात कराई थी। बुजुर्ग की मौत से घर में कोहराम मच गया है। मृतक के एक बेटा सुरेंद्र है। पिता की मौत से उसका रो-रोकर बुरा हाल है।
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जेल में बंद आरोपित
गुलजारी, भजन ¨सह, खुशीराम, हरपाल, कमल कुमार, मोहन लाल, रामासरे और सूरजपाल हैं।
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अन्य आरोपित
अजबत ¨सह, अखिलेश कुमार प्रथम, अखिलेश कुमार द्वितीय, चंचल ¨सह, दर्शन ¨सह, हरीराम, हरीपाल ¨सह, जसवीर ¨सह, काबिल ¨सह, कृष्णपाल ¨सह, लख¨वदर ¨सह, मुनेंद्र, ओमपाल, रावेंद्र ¨सह, रामकृष्ण ¨सह, शिव पाल ¨सह, श्याम ¨सह, सोहन पाल, सुंदर पाल, वीर पाल, रामस्वरूप और उनका बेटा सुरेश। आरोपित वकील सचिन गुप्ता, दीपक गुप्ता, सत्येंद्र ¨सह।
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वर्जन-
थाने से कोई भी पुलिस कर्मी रामस्वरूप के घर में दबिश देने नहीं गया। दबिश देने का आरोप गलत है। अगर इस मामले में कोई तहरीर आती है जांच करके कार्रवाई की जाएगी।
- तेज पाल ¨सह, एसओ