Move to Jagran APP

जिले में हाहाकार, डॉक्टर मना रहे रविवार

जिले में बुखार से अब तक दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग लापरवाह बना है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 12:31 AM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 12:31 AM (IST)
जिले में हाहाकार, डॉक्टर मना रहे रविवार
जिले में हाहाकार, डॉक्टर मना रहे रविवार

शाहजहांपुर : जिले में बुखार से अब तक दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अफसर और जिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर गंभीर दिखाई नहीं दे रहे हैं। यह स्थिति तब है जब जिले में दो दो मंत्री हैं। इसके बाद भी स्वास्थ्य सेवाएं चौपट दिख रही हैं। रविवार होने के कारण डॉक्टर ओपीडी में नहीं बैठे। जबकि बुखार से तप रहे सैकड़ों की संख्या में रोगी अस्पताल में पहुंचे। इलाज न मिलने के कारण रोगियों को मायूस होकर वापस होना पड़ा है।

loksabha election banner

जानलेवा हो रहे बुखार के कारण लोगों में भय व्याप्त है। यही वजह है कि सरकारी अस्पताल हो या फिर प्राइवेट रोगियों की भरमार है। देहात क्षेत्रों में लोग मजबूरन झोलाछाप का इलाज करा रहे हैं। जिले में अब तक बुखार से करीब 45 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं हजारों की संख्या में लोग सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। गंभीर रोगियों को बरेली हायर सेंटर में रेफर किया गया है। इसके बाद भी जिले के स्वास्थ्य विभाग पर किसी तरह का असर दिखाई नहीं दे रहा है।

बेड के लिए सिफारिश और नोकझोंक

मरीज को बेड दिलाने के लिए तीमारदारों को सिफारिश लगानी पड़ती है। जिसकी नहीं चलती है। वह बेड के लिये अस्पताल स्टाफ से नोकझोंक करने लगता है। कुछ मरीज ऐसे होते है जो चुपचाप बेड पाने के लिये अपनी बारी का इंतजार करते हैं। ऐसे मरीजों का नंबर 12-12 घंटे बाद आता है। मरीज स्ट्रेचर पर कराहते रहते हैं। बेड खाली होने पर तीमारदार अपने-अपने मरीज के लिये भिड़ने लगते हैं।

जगह न मिलने पर देर से शुरू होता इलाज

जब तक मरीज को लेटने के लिये स्ट्रेचर नहीं मिल जाता है। उसका इलाज शुरू नहीं हो पाता है। जब मरीज को कहीं जगह नहीं मिलती वह जमीन पर लेटने को मजबूर हो जाते है। परिजन डॉक्टर से इलाज करने की गुहार करते हैं। तब कहीं जाकर उसका इलाज शुरू हो पाता है।

मरीज की संख्या लगातार बढ़ रही है। अतिरिक्त बेड भी फुल है। मरीज को जल्द ठीक करने के प्रयास किये जाते हैं। ताकि बेड खाली हो सकें। डॉक्टरों को निर्देश दिये है कि गंभीर मरीज को पहले भर्ती किया जाए।

- डॉ. एमपी गंगवार, सीएमएस


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.