टेनिस से गगन की उड़ान भर रही महिका
बेटियां बोझ नहीं वरदान है.. यह कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है शाहजहांपुर की 12 वर्षीय महिका खन्ना ने।
नरेंद्र यादव, शाहजहांपुर : बेटियां बोझ नहीं वरदान है.. यह कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है शाहजहांपुर की 12 वर्षीय महिका खन्ना ने। दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा समेत कई शहरों में टेनिस टूर्नामेंट जीत दर्ज कर सनसनी मचा दी। दो माह भीतर ही आल इंडिया टेनिस एसोसिएशन की ओर से दिसंबर में जारी अंडर-14 नेशनल रैंकिग में शाहजहांपुर की बेटी 24वां स्थान मिला है। बरेली के ब्रिगेडियर ने भी खेल प्रतिभा देख कैंट में लॉन टेनिस प्रैक्टिस की अनुमति दे दी।
गुरुग्राम में मिली हार ने खोल दिया जीत का द्वार
अंडर- 12 में विनर रही महिका ने लखनऊ की खिलाड़ी दिवा को करारी शिकस्त के साथ अंडर-14 में कदम बढ़ाया। अप्रैल 2019 में आयोजित अंडर -16 स्टेट चैंपियनशिप जूनियर लॉन टेनिस में प्रतिभाग कर महिका विजेता बनी। बरेली की सीरत कश्यप के साथ अंडर - 14 डबल की भी विनर रही। गुरुग्राम में आल इंडिया टेनिस एसोसिएशन की ओर से यलो बाल एकेडमी में हुए टूर्नामेंट में हरियाणा की खिलाडी प्रज्ञा से महिका हार गई। लेकिन हताश होने के बजाय बरेली आकर कोच तुषार बाली के साथ हार के कारणों पर मंथन किया।
शून्य से शिखर पर पहुंची महिका
जुलाई 2019 में ही सोनीपत में हुए टूर्नामेंट में जिले की बेटी ने अदिति त्यागी, दिवा माली सरीखे खिलाड़ियों को हराकर टूर्नामेंट अपने नाम कर लिया। गुरुग्राम में अगस्त 2019 में हुई सुपर सीरीज में महिका शून्य रैंक के साथ लॉन में उतरी। 51वीं रैंक की खिलाडी अनन्या सिन्हा, समेत चंडीगढ़ की यशिका शर्मा, 43वीं रैंक की खिलाड़ी दिव्या को पराजित कर टेनिस सनसनी बन गई। अंकिता, स्वाती सिंह, इशी माहेश्वरी समेत नामचीन खिलाड़ियों को हराकर महिका खन्ना ने दिसंबर 2019 में 24वीं रैंक के साथ इतिहास रच दिया।
सानिया, शारापोवा आदर्श, देश के लिए गोल्ड की चाह
शहर के तारीन टिकली मुहल्ला निवासी गगन खन्ना व रोली खन्ना की बेटी महिका इसी वर्ष मई में 13वां जन्मदिन मनाएंगी। लेकिन सोच देश के लिए गोल्ड जीतने की है। सानिया मिर्जा व मारिया शारापोवा को आदर्श मानने वाली महिका पिता गगन खन्ना से बेहद प्रभावित है। बोली छह साल की उम्र से ही पापा अपने साथ दो से तीन किमी तक दौड़ाते थे। जीएफ कॉलेज व रिलायंस में प्रैक्टिस कराई।