लॉक हुई तराई की मुस्कान, डाउन हुए किसानों के चेहरे
साठा धान का विकल्प बन मिठास बांटने वाला तराई का मुस्कान खरबूजा संकट से जूझ रहा है।
जेएनएन, पुवायां, शाहजहांपुर : साठा धान का विकल्प बन मिठास बांटने वाला तराई का मुस्कान खरबूजा संकट से जूझ रहा है। सरस्वती प्रजाति के तरबूज की मिठास भी फीकी पड़ गई है। मौसम की बदमिजाजी से जायद की नकदी फसल को पहले झुलसा रोग से जूझना पड़ा। अब लॉकडाउन में मांग घटने से किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। दोतरफा मार से सैकड़ों परिवारों की रोजी रोटी पर असर पड़ा है। मांग कम हो जाने से किसानों को लागत निकालना मुश्किल हो रहा है।
सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादन व उर्वरा भूमि की वजह से पुवायां तहसील को मिनी पंजाब कहा जाता है। यहां दशकों से गर्मियों में साठा धान की खेती हो रही थी। भूगर्भ जल के लिए खतरा बने साठा पर हाईकोर्ट की रोक के बाद किसानों ने मक्का, खरबूजा, तरबूज, पेठा, खीरा आदि की खेती शुरू कर दी। गोमती की तराई में मुस्कान प्रजाति के खरबूजा व सरस्वती तरबूज यूपी के साथ उत्तराखंड में छा गया। फरवरी, मार्च अप्रैल में बारिश से फसल झुलसा की चपेट में आ गई। 25 मार्च के बाद लॉकडाउन की वजह से खरीददार नहीं आ सके। नतीजतन स्थानीय बाजार में भी फसल बिक्री को मजबूर होना पड़ा।
बातचीत
मैंने दस एकड़ खेत के साथ 27 एकड़ ठेके पर जमीन लेकर 37 एकड़ में खरबूजा तरबूज की खेती की। 30 से 40 परिवार रोजी रोटी से जुड़े हैं। मौसम की बदमिजाजी से झुलसा रोग से करीब बीस फीसद फसल खराब हो गई। लाकडाउन से डिमांड नहीं आई। इससे लागत निकालना भी मुश्किल है।
तारा सिंह, प्रगतिशील कृषक खरबूजा तरबूज की खेती में प्रति एकड़ बीज, खाद, पानी व मजदूरी और ट्रांसपोर्ट समेत करीब एक लाख रुपये का खर्च आता है। प्रति एकड़ 200 क्विंटल के करीब औसत पैदावार थी। सीतापुर, पीलीभीत, बरेली, उत्तराखंड में फसल की डिमांड थी। इस बार स्थानीय बाजार पर निर्भर रहना पड़ रहा।
पर्वत सिंह
खरबूजा में बॉबी, मुस्कान और मृदुला तथा तरबूज में सरस्वती, विशाल और अनमोल प्रजाति की डिमांड है। यूपी के दर्जन भर जिलों के साथ उत्तराखंड में काफी डिमांड आती थी। उर्वरा भूमि की वजह से तराई की फसल का स्वाद निराला है।
संदीप सिंह जनपद में करीब 400 हेक्टेयर मे खरबूजा तरबूज की खेती होती है। इसमें 80 फीसद भागीदारी पुवायां की है। कोरोना महामारी का असर खरबूजा तरबूज की फसल पर पड़ा है।
मुकेश कुमार, जिला उद्यान अधिकारी